MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश की चुनावी रणभेरी बजने में अभी कुछ महीनों का वक्त बाकी है. उससे पहले सूबे का सियासी तपिश बढ़ता ही जा रहा हैं. सूबे की सियासत का केंद्र माना जाने वाला ओबीसी समाज को लेकर सभी सियासी दलों की ओर से दावे और वादे किये जा रहे है. इसी बीच मध्य प्रदेश बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने बड़ा बयान देते हुए BJP से मांग की है कि आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 50 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया जाए. उनमें से 25 फीसदी ओबीसी और अन्य 25 फीसदी पर आदिवासी और दलित वर्ग की महिलाओं को टिकट दिया जाना चाहिए. जिससे विधानसभा में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके.
बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती की मांग सामान्य सीटों पर दलित, आदिवासी और ओबीसी को टिकट देने की है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी ऐसी पहल करती है तो समाज में एकता और समानता का भाव विकसित होगा. जब आरक्षित सीट पर सामान्य वर्ग दलित,आदिवासी को वोट कर सकता है तो सामान्य वर्ग को दूसरा समाज क्यों नहीं वोट करेगा. ओबीसी समाज की हिस्सेदारी तय करने की बात करते हुए उमा भारती ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछड़ी जातियों की ताकत बहुत बड़ी है. 60 फीसदी आबादी की लड़ाई मेरी हमेशा जारी रहेगी"
उमा भारती ने बीते दिनों महिला आरक्षण बिल में ओबीसी समाज को आरक्षण देने का मुद्दा उठाया था. उमा भारती की मांग है कि 33% आरक्षण को 100 मानकर इसमें 27 प्रतिशत ओबीसी और 23 प्रतिशत आदिवासी और दलित वर्ग को आरक्षण दिया जाए. अगर OBC महिला आरक्षण का प्रावधान इस बिल में नहीं हुआ, तो यह अधूरा प्रयास रहेगा.
विपक्ष सामाजिक न्याय के नाम पर साल 2024 के चुनावों में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाकर BJP पर दबाव बनाने और पिछड़े वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटा हुआ हैं. विपक्ष जानता है कि देश में जातीय जनगणना होती है तो असली आंकड़ा सामने आएगा. इसके बाद पिछड़ी जातियों को मिलने वाले 27% आरक्षण को उनकी आबादी के हिसाब से बढ़ाने की मांग भी तेज होगी. जिससे देश में ओबोसी की सियासत तेज होगी.
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