US Presidential Elections: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में बड़ी जीत की ओर बढ़ चले हैं. दुनिया भर में ड्रोनाल्ड ट्रंप के समर्थक और उनके फैंस उनकी इस शानदार और एतिहासिक जीत का जश्न मना रहे हैं. भारत में भी एक गांव ऐसा है जहां ट्रंप की जीत का जोरदार जश्न मनाया जा रहा है. यह गांव है आंध्र प्रदेश का वडलुरु शहर. आप सोच रहे होंगे कि वडलुरु में ट्रंप की जीत का जश्न क्यों मनाया जा रहा है?
तो जनाब मामला ये है कि ये वही गांव है जहां कभी उषा वेंस के माता पिता रहते थे. उषा वेंस ट्रंप सरकार में उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे जेडी वेंस की पत्नी हैं. यानी उषा अमेरिका की सेकेंड लेडी होगीं.
उषा वेंस के पूर्वज वडलुरु के रहने वाले थे. वडलुरु उषा का पैतृक गांव है और उनके अमेरिका की सेकेंड लेडी बनने की खुशी में वहां जश्न मनाया जा रहा है. हालांकि, 38 वर्षीय उषा वेंस सेन डियागो में पली बढ़ीं लेकिन उनके पैतृक गांव के लोगों का मानना है कि उनके पति के उपराष्ट्रपति बनने से उनके गांव का विकास होगा.
उम्मीद है कि उषा बदले में कुछ करेंगी
वडलुरु के रहने वाले 53 साल के श्रीनिवास राजू कहते हैं, 'हमें खुशी है, हम ट्रंप का समर्थन करते हैं.' वहीं ग्रामीणों ने ट्रंप की जीत की प्रार्थना की और एक हिंदू पुजारी अप्पाजी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उषा बदले में कुछ करेंगी.
एक अन्य 43 वर्षीय गांव के पुजारी ने कहा, 'अगर वह अपनी जड़ों को पहचान सके और इस गांव के लिए कुछ अच्छा कर सके, तो यह बहुत अच्छा होगा.'
वडलुरु से चले गए थे दादा
बता दें कि उषा वेंस के दादा अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए वडलुरु से बाहर चले गए थे और उनके पिता चिलुकुरी राधाकृष्णन जो एक पीएचडी धारक थे, का पालन-पोषण चेन्नई में हुआ था और वे भी बाद में पढ़ने के लिए अमेरिका चले गए थे.
70 वर्षीय वेंकट रामनय ने कहा, 'हर भारतीय - सिर्फ मैं ही नहीं, हर भारतीय - उषा पर गर्व महसूस करता है, क्योंकि वह भारतीय मूल की है.' 'हमें उम्मीद है कि वह हमारे गांव का विकास करेगी.'
कभी अपने गांव नहीं आईं उषा
एक पुजारी ने कहा, ' उषा कभी गांव में नहीं गई, लेकिन उनके पिता तीन साल पहले आए थे और मंदिर की स्थिति का जायजा लिया था.' रामनय ने कहा, 'हम पहले ही ट्रंप का शासन देख चुके हैं - बहुत अच्छा.' 'ट्रंप के राष्ट्रपति काल के दौरान भारत और अमेरिका के संबंध बहुत अच्छे थे.'