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'हम सिर्फ रील बनाने वाले लोग नहीं हैं...', रील मंत्री कहे जाने पर भड़क गए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

Ashiwini Vaishnav: देश के रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज संसद में कहा है कि वह रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले लोग हैं. उनका निशाना राहुल गांधी पर था जिन्होंने कुछ दिन पहले ही लोको पायलट्स से मुलाकात की थी. अब अश्विनी वैष्णव का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. बता दें कि विपक्षी नेताओं ने लगातार रेल हादसों के बार अश्विनी वैष्णव को रील मंत्री कहा था.

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Edited By: India Daily Live
Ashwini Vaishnav
Courtesy: Social Media

देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे रेल हादसों के चलते रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्ष के निशाने पर हैं. सोशल मीडिया पर अपने वीडियो को लेकर चर्चा में रहने वाले अश्विनी वैष्णव को विपक्षी नेताओं ने रेलमंत्री के बजाय 'रीलमंत्री' कहना शुरू कर दिया था. इसी को लेकर वह आज संसद में विपक्षियों पर भड़क गए. वैष्णव ने संसद में जवाब देते हुए कहा कि वह रील बनाने वाले आदमी नहीं हैं और मेहनत करने वाले लोग हैं. इसी को लेकर विपक्षी सांसदों से उनकी खूब नोंकझोंक भी हुई. इसके बाद जब वह आगे बोलने लगे तो विपक्षी सांसदों ने भी जमकर हंगामा किया. रेलमंत्री ने ट्रेन के लोको पायलट को लेकर कुछ तथ्य भी सदन के पटल पर रखे.

कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोको पायलट्स से मुलाकात की थी और उनकी समस्याएं सुनी थीं. उसके बाद से वह लगातार लोको पायलट्स को लेकर सवाल उठा रहे हैं. अब अश्विनी वैष्णव ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले हैं. बता दें कि राहुल गांधी ने बीते दिनों में लोको पायलट के अलावा कुली और मोची से भी मुलाकात की है.

'हमने बदलाव करके सुविधाएं दीं'

अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'लोको पायलट का जो तरीका होता है, देश में रेलवे ऐक्ट के तहत बनाए गए जो नियम हैं, वे नियम 2005 में बनाए गए थे. इसको नोट करना भाई. इसी के हिसाब से लोको पायलट का कार्यकाल तय होता है. इसी के हिसाब से लोको पायलट का जो एवरेज टाइम और रेस्ट का टाइम होता है, वह भी तय होता है. मैं रिकॉर्ड पर रखना चाहूंगा कि 2016 में इन नियमों में बदलाव करके लोको पायलट को और सुविधाएं दी गईं.'

उन्होंने आगे कहा, '558 यानी सारे के सारे रनिंग रूम्स को एयर कंडीशन किया गया. लोकोमोटिव की कैब में बहुत वाइब्रेशन होता है, बहुत हीट होता है. इसीलिए 7 हजार से लोको कैब्स को एयर कंडीशन किया गया है. जो लोग लोको पायलट्स के साथ रील बनाकर सिंपैथी दिखा रहे हैं, 2014 से पहले यह जीरो था. एक भी कैब एसी नहीं थी. फिर आप किस बात के लिए ये सब करते हैं?'