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लोकतंत्र के लिए मतदान ऑक्सीजन की तरह, वोट डालने के बाद बोले उपराष्ट्रपति धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने पत्रकारों से कहा कि मतदान लोकतंत्र की ऑक्सीजन है. उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र का आधार मतदान है और मतदान ही सभी अधिकारों की जननी है. इससे ऊपर कोई अधिकार नहीं है.’’उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी सार्थक है जब प्रत्येक व्यक्ति विवेकपूर्ण और स्वतंत्र रूप से अपना वोट डाले.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Dhankar
Courtesy: Social Media

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है. देश की कई बड़ी हस्तियों ने अपने मत का प्रयोग किया. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को मतदान को लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन की तरह बताया और कहा कि मताधिकार का इस्तेमाल लोगों को दिया गया सबसे बड़ा अधिकार है. धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए यहां अपना वोट डाला.

बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मतदान लोकतंत्र की ऑक्सीजन है. उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र का आधार मतदान है और मतदान ही सभी अधिकारों की जननी है. इससे ऊपर कोई अधिकार नहीं है.’’उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी सार्थक है जब प्रत्येक व्यक्ति विवेकपूर्ण और स्वतंत्र रूप से अपना वोट डाले.

सबसे पुराना लोकतंत्र है...

धनखड़ ने कहा, ‘‘भारत दुनिया के लिए एक उदाहरण है. यह सबसे पुराना लोकतंत्र है, सबसे बड़ा लोकतंत्र है, सबसे मजबूत लोकतंत्र है, सबसे जीवंत लोकतंत्र है, जहां सत्ता में परिवर्तन या शासन में स्थिरता केवल मतदान के माध्यम से ही स्पष्ट होती है.’’ उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब देश स्वतंत्र हुआ तो प्रत्येक वयस्क व्यक्ति, चाहे वह पुरुष हो या महिला, को मतदान का अधिकार दिया गया जबकि भारत से पहले स्वतंत्र हुई दुनिया की कई बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में ऐसा नहीं था.

उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सुचारू ढंग से संचालन के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए प्रबंधों की भी सराहना की. उन्होंने कहा, ‘‘हमने जो प्रौद्योगिकी अपनाई है, जिस गति से आपके मतदान का परिणाम सार्वजनिक रूप से घोषित किया जाता है, विश्व उसकी सराहना कर रहा है.’’

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)