Vinesh Phogat Interview: शुक्रवार यानी 10 मई की सुबह से ही मैं और मेरे साथी पहलवान ये जानने का इंतजार कर रहे थे कि कोर्ट में क्या होता है. हमने ऑनलाइन लॉग इन किया था, लेकिन कुछ समय के लिए कनेक्शन टूट गया. दोपहर बाद, हमारे वकीलों की टीम में से किसी ने साक्षी मलिक को जानकारी दी कि आरोप तय कर दिए गए हैं. जब मुझे ये खबर मिली तो मैं ट्रेनिंग पर थी. ये बातें महिला पहलवान विनेश फोगाट ने इंडियन एक्स्प्रेस के लिए लिखे एक आर्टिकल में कहीं हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय होना हमारी जीत है, लेकिन अदालत में हमारी लड़ाई जारी रहेगी. आज हम बिना किसी डर के खड़े हो सकते हैं, अपना सिर ऊंचा रख सकते हैं, उसकी आंखों में देख सकते हैं, जिस आदमी से हम इतने सालों से डरते थे. बृजभूषण को संदेश मिल गया है कि जब तक महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिल जाता, हम कहीं नहीं जाने वाले हैं.
विनेश ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय होने से एक कड़ा संदेश भी जाता है कि महिलाएं, पुरुषों से मुकाबला कर सकती हैं और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. इतने रसूखदार शख्स के खिलाफ आवाज उठाना उतना आसान नहीं था और उनके अलावा भी कई अन्य रसूखदार और पहुंच वाले शख्स थे, जो चाहते थे कि हम इस मामले में पीछे हट जाएं. हम असफल हो जाएं.
विनेश ने कहा कि जब भी हमने बृजभूषण के खिलाफ आवाज उठाई और विरोध प्रदर्शन किया, तब हमारे खिलाफ निगेटिव कैंपेन भी चलाया गया. बृजभूषण ने शुरू में तो यहां तक कह दिया था कि अगर एक भी महिला सामने आकर कहे कि उसे यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है तो वह फांसी लगाने के लिए तैयार हैं.
विनेश ने पूछा कि उस बयान पर अमल करने का क्या हुआ? हम इस बात से टेंशन में थे कि वे (बृजभूषण) सिस्टम पर दबाव बनाने के लिए अपने मजबूत संबंधों का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन हमारे वकील ने हमें टेंशन न करने के लिए कहा था. भाजपा ने उनके बेटे को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है. इससे पता चलता है कि वे अब भी बृजभूषण का समर्थन करते हैं. मैं कह सकती हूं कि जिस दिन बृजभूषण को केंद्र में सरकार का समर्थन नहीं मिलेगा और वे अपना रसूख खो देंगे, उस दिन कई और लड़कियां सामने आएंगी और उनके बारे में शिकायत करेंगी.
विनेश ने कहा कि हमें समर्थन तो मिला, लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने बृजभूषण पर भरोसा किया. ऐसे लोगों के बारे में हम कुछ नहीं बोल सकते, हम उन्हें नहीं जगा सकते, हम उन्हें फैक्ट नहीं दिखा सकते. जंतर-मंतर पर धरना बंद करने के बाद भी हमारी आलोचना जारी है. ऐसा तब भी होता है जब फिलहाल में ट्रेनिंग कर रही हूं. मैं 53 किलोग्राम का ट्रायल नहीं जीत सकी, क्योंकि मैं 50 किलोग्राम पर फोकस करना चाहती थी. मैं वास्तव में 53 किग्रा ट्रायल में पूरी तरह से असफल नहीं हुई, लेकिन इसके बाद आईटी सेल मेरे पीछे लग गया.
विनेश ने कहा कि जब बजरंग ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, तब भी यही हुआ. और जब मैं अच्छा करती हूं तो हमारे आलोचक चुप हो जाते हैं. जब आपको ट्रोल किया जाता है या हर तरफ आपके बारे में निगेटिव कमेंट्स होती हैं तो ट्रेनिंग आसान नहीं होता. हमने अपने पूरे जीवन में सम्मान के साथ और शांतिपूर्ण तरीके से प्रैक्टिस और ट्रेनिंग की है. लेकिन आईटी सेल और ट्रोल्स की वजह से निगेटिविटी बढ़ गई है.
कुछ लोगों का मानना है कि हमें राजनीति के कारण आगे बढ़ाया गया है. हम जाकर हर किसी को ये नहीं बता सकते कि महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के अलावा हमारा कोई एजेंडा नहीं है, हम राजनीति नहीं कर रहे हैं. मैं उन लोगों से दुखी नहीं हूं जिन्होंने हम पर विश्वास नहीं किया या हमारा समर्थन नहीं किया. मुझे बस यही लगता है कि वे ऐसी सोच वाले लोग हैं, जो ये जानना ही नहीं चाहते हैं कि आखिर सच क्या है?
विनेश ने कहा कि एक एथलीट के तौर पर शुरुआत में ये सब कुछ आसान नहीं था. मुझे लगता है कि अन्य खिलाड़ियों ने सोचा होगा कि हम पागल हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय होने के साथ ही उनका विचार बदल गया होगा. शुरू में हमारे लिए ये इसलिए भी कठिन था, क्योंकि हम लोग एक्टिव पहलवान थे, हमें अपनी एनर्जी ये सुनिश्चित करने में लगानी थी कि विरोध प्रदर्शन बंद न हो जाएं या तोड़फोड़ न हो जाए.
उन्होंने कहा कि बजरंग के रेसलिंग करियर को नुकसान हुआ, मुझे सर्जरी के कारण एशियाई खेलों से हटना पड़ा. हमने अपने पुरस्कार लौटा दिए और डब्ल्यूएफआई चुनाव नतीजों के विरोध में साक्षी को संन्यास लेना पड़ा. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में कुछ पॉजिटिव चीजें भी हुईं. शुरू में, हमें यकीन नहीं था कि पुलिस अपनी जांच कैसे करेगी, लेकिन उन्होंने अच्छा काम किया. अगर हम ये केस जीतते हैं तो इसका देश भर की महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
विनेश फोगाट वर्ल्ड चैम्पियनशिप, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता हैं. उन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा जीता है. ओलंपिक रेसलिंग क्वालीफाइंग टूर्नामेंट एक ब्रैकेट सिस्टम को फॉलो करता है और प्रत्येक भार वर्ग के दो सेमीफाइनलिस्ट ही अपने संबंधित देश के लिए कोटा हासिल करते हैं.
छह महिला पहलवानों की ओर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन में विनेश सबसे आगे थीं. विनेश फोगाट ने 2019 और 2022 की वर्ल्ड चैम्पियनशिप के दौरान 53 किलो में कांस्य और एशियाई खेलों (2018) में 50 किलो में गोल्ड मेडल जीता था. इस साल पेरिस ओलंपिक 17 दिन चलेंगे. ये गेम्स 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने हैं.
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