वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह इन दिनों 3 दिवसीय भारत दौरे पर हैं. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता हुई है. चीन्ह के भारत दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध खास तौर पर रक्षा और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है. दरअसल भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में वियतनाम एक रणनीतिक साझेदार है, जो इंडो पैसिफिक रणनीति में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाता है. वहीं भारत वियतनाम पिछले कुछ सालों में साझा हितों की रक्षा के लिए अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं.
आज फाम मिन्ह चीन्ह ने कहा, 'भारत ने चार तरह के टीकों के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे हमें भी लाभ हुआ. कोविड-19 उपचार दवाओं के उत्पादन में भी, हमने भारत से काफी मात्रा में आयात किया. इंडो-पैसिफिक दुनिया में विकास का इंजन है. हम ऐसे समय में हैं जब अवसर और चुनौतियां आपस में जुड़ी हुई हैं. चुनौतियों के साथ अवसर भी जुड़े हुए हैं, लेकिन अवसरों से ज्यादा चुनौतियां हैं. प्रधानमंत्री मोदी और मैं द्विपक्षीय संबंधों में हुई अपार प्रगति को देखकर खुश हैं.'
आगे वियतनाम के पीएम ने बताया, 'खासकर व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के बाद से. 8 साल पहले उनकी यात्रा के दौरान, हमने अपनी विदेश नीतियों में हमारे दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे को दी जाने वाली प्राथमिकता और महत्व को दोहराया था. हम वियतनाम और भारत के बीच घनिष्ठ, विश्वसनीय और वफादार मित्रों के रूप में पारंपरिक संबंधों को बनाए रखने और संजोने के लिए सहमत हैं..."
#WATCH | Vietnam Prime Minister Pham Minh Chinh says "India also played an important role in the fight against COVID-19 with four types of vaccines from which we also benefited. Even in the production of COVID-19 treatment medicines, we also imported quite a quantity from… pic.twitter.com/i0eDA8ocNs
— ANI (@ANI) August 1, 2024
बता दें कि भारत और वियतनाम के संबंध 50 साल पुराने हैं लेकिन 2016 में प्रधानमंत्री मोदी की राजकीय यात्रा से रिश्तों में और मजबूती आई है. इस दौरान भारत वियतनाम के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया. साल 2023 में भारत ने वियतनाम के रक्षा संबंधों को गहरा करने के लिए आईएनएस कृपाण को वियतनाम पीपुल्स नेवी को सौंप दिया था. यह पहली बार था जब भारत ने किसी मित्र देश को पूरी तरह से चालू युद्धपोत तोहफे में दिया है.
जानकारों के मुताबिक चीन से दोनों देशों के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं. दक्षिणी चीन सागर में दोनों देशों के हित जुड़ा है इसलिए भारत के इस कदम को चीन से जोड़कर देखना गलत नहीं होगा. भारत और वियतनाम दोनों देशों का चीन के साथ सीमा विवाद है. चीन आक्रामक तरीके से दोनों देशों के क्षेत्रों में कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, लिहाजा चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दोनों देशों का करीब आना स्वाभाविक है.