Uttarkashi Tunnel 41 Workers Surviving Story: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा-बारकोट सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू में जुटी टीम को लगातार सफलता मिल रही है. मजदूरों के फंसने के 9वें दिन यानी सोमवार को उनसे बातचीत हो पाई. मजदूरों को प्लास्टिक की बोतलों में खाना भेजा गया. इन सबके बीच बड़ा सवाल ये कि आखिर टनल के अंदर फंसे मजदूर पिछले 10 दिन से कैसे सर्वाइव कर रहे हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टनल में फंसे मजदूर वहां टहलकर, आपस में बातचीत कर, एक दूसरे को सांत्वना देकर समय गुजार रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 दिन से टनल के अंदर फंसे 41 लोगों ने खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत कर रहे हैं और इसके लिए अगल-अलग तरीके अपना रहे हैं.
फंसे हुए श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख करने वाले सरकार की ओर से नियुक्त मनोचिकित्सक डॉ अभिषेक शर्मा ने उनसे बातचीत की है. डॉक्टर अभिषेक शर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमने टनल के अंदर फंसे मजदूरों से लगातार संपर्क बनाए रखा है, उनका मनोबल बनाए रखने के लिए उन्हें योग, टहलने चलने जैसी गतिविधियों का सुझाव दिया गया है. साथ ही उनसे आपस में बातचीत का भी सुझाव दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, टनल के अंदर फंसे लोगों में एक गब्बर सिंह नेगी भी हैं, जो पहले भी ऐसे हालातों में फंस चुके हैं. सभी मजदूरों में वे सबसे बुजुर्ग हैं. इस नाते भी वे ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि अंदर फंसे हर मजदूर का आत्मविश्वास ऊंचा बना रहे.
#WATCH | Uttarakhand: Drone visuals from Uttarkashi, where a rescue operation is currently underway to bring out 41 workers trapped inside the Silkyara tunnel.
— ANI (@ANI) November 21, 2023
A part of the Silkyara tunnel collapsed in Uttarkashi on November 12. pic.twitter.com/2UTwoV4ysV
बताया जा रहा है कि सोमवार से पहले, टनल के अंदर फंसे मजदूर अब तक मुरमुरे, चना और सूखे मेवें खाकर सही सलामत थे. एक दिन पहले यानी सोमवार को मजदूरों तक 6 इंच मोटा पाइप पहुंचाया गया, जिससे पहले उनसे बातचीत की गई. फिर उन्हें इसी पाइप के जरिए प्लास्टिक की बोतलों में दलिया और खाने पीने के अन्य सामानों की आपूर्ति की गई.
मंगलवार सुबह तो मजदूरों का वीडियो भी सामने आया, जिसमें सभी मजदूर सही सलामत दिख रहे हैं. कहा जा रहा है कि जल्द ही कर्मचारियों को खुद को व्यस्त रखने के लिए मोबाइल फोन और चार्जर भी मिलने की उम्मीद है.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Rescue operation underway to bring out 41 workers stranded inside Silkyara tunnel.
— ANI (@ANI) November 21, 2023
A part of the Silkyara tunnel collapsed in Uttarkashi on November 12. pic.twitter.com/QlFHJlv0aW
चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, टनल में फंसे मजदूरों का भाग्य भी उनका साथ दे रहा है. बताया गया कि टनल में जहां मजदूर फंसे हैं, उनके पास एक प्राकृतिक जल स्रोत भी है, जहां से वे पानी ले रहे हैं.
श्रमिक उस 2 किमी बफर स्पेस का भी उपयोग कर रहे हैं जिसमें वे फंसे हुए हैं. कुछ दिन पहले, जब ओडिशा के कुछ सरकारी अधिकारी अपने राज्य के पांच श्रमिकों से बात करने के लिए पहुंचे, तो उन्हें सूचित किया गया कि वे लोग लंबी पैदल यात्रा (सुरंग के अंदर दूसरे छोर तक) पर गए थे.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Family members of the workers trapped in the Silkyara tunnel interact with them through the pipeline inserted inside the tunnel.
— ANI (@ANI) November 21, 2023
(Video Source: Family member of the trapped worker) pic.twitter.com/nKoEQGiIfT
उधर, राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के निदेशक, अंशू मनीष खलखो ने रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि हम हर आधे घंटे में मजदूरों को खाना उपलब्ध करा रहे हैं और हर 2-3 घंटे में उनसे बातचीत कर रहे हैं. विभिन्न राज्यों के अधिकारी, रिश्तेदार और चिकित्सा पेशेवर भी नियमित रूप से उनके साथ जुड़ रहे हैं.
अधिकारियों ने कहा कि बंद जगह होने के कारण यहां ठंडे तापमान या मच्छरों से संबंधित कोई समस्या नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या श्रमिकों के पास नहाने या कपड़े बदलने का कोई विकल्प है, एक अधिकारी ने कहा कि नहाना या कपड़े बदलना शायद उनके दिमाग में आखिरी चीज होगी.