share--v1

Uttarakhand Tunnel Collapse: टनल में फंसे श्रमिकों को भेजा गया खाना, मटर पनीर के साथ दी गई ये चीजें

Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे हुए 41 श्रमिकों को इस तरह का खाना दिया जा रहा है जो आसानी से पच सके.

auth-image
Amit Mishra
फॉलो करें:

Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी में टनल हादसे के बाद से ही ऑपरेशन जिंदगी जोरों पर चल रहा है. फिलहाल अब तक किसी भी मजदूर को बाहर निकालने में सफलता नहीं मिल सकी है. टनल में उत्तर प्रदेश, ओडिशा समेत कई राज्यों के मजदूर फंसे हैं.  रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में लगी टीमें इस बात पर ज्‍यादा फोकस कर रही हैं कि भले ही मजदूरों को निकालने में देरी हो जाए लेकिन जल्‍दबाजी के चक्‍कर में उनकी सुरक्षा पर किसी प्रकार का खतरा पैदा ना हो. इस बीच एक पाइप के जरिए उन्‍हें रोजाना खाना मुहैया कराया जा रहा है.

दिया जा रहा है आसानी से पचने वाला खाना

उत्तरकाशी स्थित एक होटल से खाना मंगवा कर टनल में फंसे मजदूरों को दिया जा रहा है. होटल के मालिक अभिषेक रमोला ने कहा, 'हमने अंदर फंसे लोगों के लिए खाना बनाया है. खाने में चावल और पनीर दे रहे हैं. हमने उनके लिए लगभग 150 पैकेट बनाए हैं. सभी चीजें डॉक्टर की देखरेख में तैयार की गई हैं. हमने सभी को आसानी से पचने वाला खाना दिया है.'

डॉक्‍टर की सलाह पर बन रहा खाना

होटल के कुक संजीत राणा ने बताया, 'हमने अंदर फंसे लोगों के लिए वेज पुलाव, मटर पनीर और बटर चपाती बनाई है. भोजन को इस तरह से पैक किया है ताकि पतले से पाइप के माध्‍यम से उसे अंदर मजदूरों तक पहुंचाया जा सके. डॉक्‍टर की सलाह पर कम मसालेदार और कम तेल वाला खाना पकाया जा रहा है ताकि वो आसानी से पच जाए.'

 

पीएम मोदी रख रहे हैं नजर

इससे रहले राज्य के मुख्यमंत्री पुष्‍कर स‍िंह धामी ने मंगलवार देर शाम एक्‍स पर एक पोस्‍ट में जानकारी देते हुए बताया क‍ि सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ, अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ और भारत सरकार की अन्य तकनीकी एजेंसियों को प्रदेश सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है. टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं भी बचाव कार्यों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.

 

यह भी पढ़ें: पंडित नेहरू की 'आदिवासी पत्नी' ने जीवन भर झेला बहिष्कार का दंश, जानें बुधनी की कहानी

पढ़ें देश से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें