Uttarakhand Tunnel rescued 41 workers left for homes: उत्तराखंड के सिल्कयारा टनल से सुरक्षित रेस्क्यू किए गए 41 मजदूर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं. एम्स ऋषिकेश में 24 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रखे जाने के बाद उन्हें फिट पाया गया और गुरुवार को 40 मजदूरों को उनके घर रवाना कर दिया गया. एक मजदूर का AIIMS ऋषिकेश में भर्ती है. कुछ जांच की रिपोर्ट नहीं आने के कारण उन्हें रोका गया है. बता दें कि 12 नवंबर को टनल के धंसने के बाद सभी मजदूर फंस गए थे. 28 नवंबर को उनका सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया.
अलग-अलग राज्यों के 41 मजदूर उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल पर बन रहे 4.5 किमी लंबी सुरंग के निर्माण में जुटे थे. मजदूर सुरंग के अंतिम 400 मीटर हिस्से को पूरा करने का प्रयास कर रहे थे, तभी 12 नवंबर को सुरंग के मुहाने की ओर (सिलक्यारा की ओर से बड़कोट निकलने वाला) का एक हिस्सा ढह गया. सुरंग के एक हिस्से के ढहने के बाद रेस्क्यू अभियान चलाया गया और 17 दिनों की मेहनत के बाद मजदूरों को 28 नवंबर को सुरंग के मलबे के बीच से निकाला गया. मजदूरों के मानसिक और शारीरिक जांच के लिए एम्स ऋषिकेश में रखा गया था.
एम्स ऋषिकेश के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर आरबी कालिया ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद सभी मजदूर बिलकुल स्वस्थ पाए गए. किसी को भी किसी तरह की चोट या मेडिकल इश्यू नहीं है. हालांकि बाद में उनके हेल्थ की बेहतर तरीके से भी जांच की गई. कई जांचों के बाद, वे सभी शारीरिक रूप से फिट और चिकित्सकीय रूप से स्थिर पाए गए.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन श्रमिकों में मानसिक परिवर्तन देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को घर जाने के दो सप्ताह के बाद अपने नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र पर जाने के लिए कहा गया है.
एम्स ऋषिकेश के पीआरओ विभाग के अधिकारी वीरेंद्र नौटियाल ने कहा कि हमने 41 श्रमिकों में से 40 को छुट्टी दे दी है. वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्थिर पाए गए हैं. एक श्रमिक एम्स में भर्ती है, क्योंकि उनकी कुछ मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है.
एम्स ऋषिकेश के मनोचिकित्सक डॉक्टर अनिंद्य दास ने कहा कि हमारी जांच में वे सभी मानसिक रूप से फिट पाए गए हैं. उधर, झारखंड सरकार ने राज्य के 15 मजदूरों को गुरुवार को देहरादून से दिल्ली पहुंचाया और वहां से शुक्रवार सुबह उन्हें रांची लाया जाएगा.
झारखंड सरकार के प्रतिनिधि भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि झारखंड के सभी मजदूर फिट हैं. उनकी विस्तृत जांच की गई, जिसमें ब्लड टेस्ट और एक्स-रे शामिल है. उनके मेंटल हेल्थ का पता लगाने के लिए उनकी काउंसलिंग भी की गई. जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों ने मजदूरों को छुट्टी दे दी.
बता दें कि टनल से रेस्क्यू किए गए मजदूरों में झारखंड के 15 और ओडिशा के पांच श्रमिकों के अलावा, उत्तर प्रदेश के आठ, बिहार के पांच, पश्चिम बंगाल के तीन, उत्तराखंड और असम के दो-दो और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर शामिल है.