UP Women Police Constable Gender Change: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा (Gonda) जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां महिला सिपाहियों ने लिंग परिवर्तन (Gender Change) करवाने की इजाजत मांगी है. मामले में कई पेंच हैं और ये इतना आसान नहीं है. फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस में महिला कांस्टेबलों की लिंग परिवर्तन करवाने की अर्जी ने अफसरों को पसोपेश में डाल दिया है. इसके पीछे वजह है महिला आरक्षी की भर्ती और सेवा शर्तें. गोरखपुर, सीतापुर और गोंडा की पांच महिला आरक्षियों ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर अपने लिंग परिवर्तन की अनुमति मांगी है.
महिला सिपाहियों के मुताबिक उन्हें बचपन से ही लड़कों की तरह रहना अच्छा लगता था और स्कर्ट-टॉप जैसे कपड़े पहनने में इन्हें संकोच होता था. ये महिला सिपाही गोंडा, सीतापुर और गोरखपुर में कार्यरत हैं. इन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए इसे अपना संवैधानिक अधिकार बताया है. एक्सपर्ट के मुताबिक जिन महिला सिपाहियों ने ये इच्छा जाहिर की है वो सभी जेंडर डिस्फोरिया की शिकार हैं. सरकार मामले में विधिक और मेडिकल राय ले रही है.
गोंडा में तैनात एक महिला आरक्षी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर कर लिंग परिवर्तन की अपील की है. याचिका में महिला आरक्षी ने बताया है कि एक उम्र के बाद उसके अंदर परिवर्तन आने शुरू हो गए थे और वो अपना जीवन महिलाओं के बजाय पुरुषों की तरह जीना शुरु कर चुकी थी. अब वो लिंग परिवर्तन कराकर पुरुषों की जिंदगी जीना चाहती है. गोंडा की जिस महिला सिपाही ने कोर्ट में याचिका दायर की है, उसका कहना है कि उसके सामने आर्थिक दिक्कत थी तो उसने पहले नौकरी करने का फैसला लिया और फिर पैसा इकट्ठा कर लिंग परिवर्तन करने की योजना बनाई है. काफी दिन से वो इस लड़ाई को लड़ रही है और अब न्यायालय और अपने विभाग के उच्च अधिकारियों से गुहार लगाकर लिंग परिवर्तन करना चाहती है.
महिला सिपाही के जेंडर चेंज यानी लिंग परिवर्तन की मांग को लेकर अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को फिर सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि डीजीपी ऑफिस ने अभी तक महिला सिपाही की अर्जी पर कोई फैसला नहीं लिया है. इसके अलावा यूपी सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई नियमावली भी नहीं बनाई है. चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए जाने पर हाईकोर्ट ने जताई भी नाराजगी. हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को एक और मौका दिया. जस्टिस अजीत कुमार की सिंगल बेंच इस मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को फिर से करेगी.
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