Udit Raj remark: कांग्रेस नेता उदित राज ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि उनका बयान महाभारत काल के उदाहरण पर आधारित था. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयान को कांग्रेस से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
सोमवार को लखनऊ में एक प्रेस वार्ता के दौरान, पूर्व सांसद उदित राज ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा था, "मायावती ने बहुजन आंदोलन का गला घोंट दिया है और अब मायावती का गला घोंटने का समय आ गया है." उनके इस बयान पर विवाद बढ़ते ही उन्होंने सफाई देते हुए कहा, "मैंने महाभारत काल का उदाहरण दिया था, जहां तलवार-भाले चलते थे। यह केवल एक उदाहरण था, मार-काट की भाषा हमारी नहीं, भाजपा की है."
सबसे पहले मैं स्पष्ट करना चाहूँगा कि मेरे बयान का कांग्रेस से न जोड़ा जाए । 16 फ़रवरी को लखनऊ के सहकारिता भवन में प्रथम दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज़ और आदिवासी परिसंघ का सम्मेलन हुवा और जिसकी अध्यक्षता जस्टिस सभाजीत यादव ने की । मैं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित था । सम्मेलन के बाद… https://t.co/ROkOV446VZ
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 18, 2025
मायावती पर आरोप और बहुजन आंदोलन पर सवाल
उदित राज ने मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा, "उनके दुर्व्यवहार, भ्रष्टाचार और लालच के बावजूद उनकी राजनीतिक ताकत बरकरार रही, लेकिन उन्होंने सामाजिक आंदोलन का गला घोंट दिया." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, "करोड़ों बहुजन कार्यकर्ताओं ने भूखे-प्यासे रहकर आंदोलन किए, लेकिन बसपा ने उनके चंदे, परिश्रम और बलिदान का गला घोंटा."
कृष्ण ने कहा था कि न्याय के लिए लड़ो , जरूरत पड़े तो अपने सगे संबंधियों को भी मार दो ।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 17, 2025
बसपा की चीफ सुश्री मायावती जी ने जो सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा है,
अब उनका गला घोंटने का वक्त आ गया है ।@ANI@PTI_News @ians_india pic.twitter.com/zWfQNsShre
भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने इस बयान पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, "क्या कांग्रेस के भीतर इतनी झुंझलाहट बढ़ गई है कि अब भाषा और राजनीति, दोनों में हिंसा का भाव हावी हो चुका है?" मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि, "समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने हमेशा सामाजिक न्याय के नाम पर दलितों और पिछड़ों को ठगा है."
उदित राज ने दी सफाई
मंगलवार को उदित राज ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, "सबसे पहले, मेरे बयान को कांग्रेस से न जोड़ा जाए. 16 फरवरी को लखनऊ में दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक और आदिवासी परिसंघ के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद था. इसके बाद प्रेस वार्ता में दिए गए बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया." उन्होंने यह भी कहा, "मायावती ने चार दशक से झूठ, दुष्प्रचार और कांग्रेस को दलित विरोधी बताकर लोगों को भ्रमित किया और सत्ता का सुख भोगा."
'बसपा ने कभी आरएसएस का विरोध नहीं किया'
उदित राज ने आरोप लगाया, "बसपा ने कभी आरएसएस के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला. वह हमेशा कांग्रेस को निशाना बनाती रही, ताकि दलित उससे नहीं जुड़ें.'' उन्होंने यह भी कहा, "अब समय आ गया है कि बहुजन आंदोलन का गला काटने वाले को घर बैठाया जाए."
वीडियो के टुकड़े को किया गया वायरल
उदित राज ने यह भी आरोप लगाया कि, "वीडियो के एक छोटे हिस्से को वायरल कर झूठ फैलाया जा रहा है. अगर पूरा वीडियो देखा जाए तो सच्चाई स्पष्ट हो जाएगी." उन्होंने कहा, "महाभारत काल में तलवार-भाले चलते थे, अब नहीं, यह केवल एक उदाहरण था, मार-काट की भाषा भाजपा की है, हमारी नहीं,"
राजनीतिक बयानबाजी से गरमाई राजनीति
उदित राज के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. जहां भाजपा ने इसे कांग्रेस की हिंसात्मक सोच करार दिया है, वहीं उदित राज ने इसे गलत व्याख्या बताते हुए कांग्रेस को इससे अलग रखने की मांग की है. फिलहाल मायावती की ओर से इस विवादित बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी बढ़ गई है.