तिरुपति लड्डू विवाद (Tirupati Laddu controversy) को लेकर आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से बड़ी खबर सामने आ रही है। डीजीपी (DGP) द्वारका तिरुमला राव के हवाले से यह सूचना मिली है कि मामले में चल रही (SIT) एसआईटी की जांच पर अस्थाई तौर से रोक लगा दी गई है. दरअसल मामले पर सुप्रीम कोर्ट लगातार नजर बनाए हुए है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज जांच आदेश पर रोक लगा दी गई है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक वह पहले एसआईटी (SIT) प्रक्रिया को समझेंगे, फिर उसका अवलोकन करते हुए मामले में अभी तक क्या कार्रवाई हुई है उसपर जानकारी लेंगे. दरअसल एसआईटी की टीम ने तिरुमाला में लड्डू बनाने के लिए जिस मिल से आटा आता था वहां जाकर अपनी जांच की. टीम ने घी के सेंपल लिए, इसके बाद टीम वहां भी पहुंची जहां लड्डू बनाए जाने से पहले उसके समाना की जांच होती है.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि,- देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र के सीएम चंद्र बाबू नायडू द्वारा किए गए सार्वजनिक बयान पर सवाल किया. ज्ञात है कि सीएम चंद्र बाबू नायडू ने जगन मोहन रेड्डी की पूर्व सरकार पर आरोप लगाया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार के समय में ही लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का प्रयोग किया गया था
मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने आंध्र प्रदेश की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी रो कहा कि- "रिपोर्ट में यह बात साफ है कि यह वो घी नहीं है जिसका इस्तेमाल किया गया है. जब तक आप सुनिश्चित नहीं कर लेते, तब तक आप इसके बारे में सार्वजनिक तौर पर कैसे जानकारी दे सकते हैं."