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'UP में कैदी पढ़ेंगे हनुमान चालीसा', बिलबिलाए सपा के स्वामी प्रसाद मौर्या, ...और दे दिया बयान

उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति पर निशाना साधते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि पद की शपथ लेते समय शायद मंत्री जी ने जो प्रतिबद्धता जताई थी, उसका पालन नहीं कर रहे हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
'UP में कैदी पढ़ेंगे हनुमान चालीसा', बिलबिलाए सपा के स्वामी प्रसाद मौर्या, ...और दे दिया बयान

Swami Prasad Maurya Statement on Hanuman Chalisa by Prisoner: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या एक बार फिर से अपनी टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने कथित तौर पर जेल में बंद कैदियों से हनुमान चालीसा का जाप करने को लेकर उत्तर प्रदेश के जेल अधिकारियों की आलोचना की है. मौर्या ने कहा है कि किसी विशेष समुदाय के लिए धार्मिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना सांप्रदायिकता को प्रेरित कर रहा है.

मौर्या ने याद दिलाया संविधान

जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति पर निशाना साधते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि पद की शपथ लेते समय शायद मंत्री जी ने जो प्रतिबद्धता जताई थी, उसका पालन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष और गैर-सांप्रदायिक है. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी सभी संविधान के सामने बराबर हैं. किसी भी सरकारी संस्थान में विशेष धर्म के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करना सांप्रदायिक हिंसा माना जाता है.

शनिवार और मंगलवार को कर सकेंगे पाठ

उनकी यह टिप्पणी तब आई जब प्रजापति ने यह स्पष्ट किया कि कैदी स्वेच्छा से हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे. जेल मंत्री ने कहा था कि कैदी स्वेच्छा से शनिवार और मंगलवार को हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करते हैं. कैदियों को जबरन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड पाठ करने के लिए कहने का कोई मकसद नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारा एकमात्र उद्देश्य यह है कि जो कोई भी किसी भी धर्म को मानता हो, वह अपने धार्मिक ग्रंथ पढ़ सकता है या जाप कर सकता है. प्रजापति ने यह भी कहा था कि सभी धर्मों के लोग जेल में हैं.

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…तो समाज में जी सकेंगे बेहतर जिंदगी

जेल मंत्री ने कहा था कि यदि किसी अन्य धर्म के कैदी को किसी धार्मिक पुस्तक या वस्तु की जरूरत होगी तो वह विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी. यदि जेल में प्रार्थना होती है तो प्रार्थना पढ़ने की भी पूरी आजादी है. इससे पहले मैंने भी पाठ करने के आदेश दिए थे. उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए भगवान हनुमान से बेहतर कोई गुरु नहीं हो सकता. कैदी हनुमान चालीसा जैसे ग्रंथों से समाज में बेहतर जीवन जीने की विधि सीख सकते हैं. 

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