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उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी करने की दी मंजूरी

यह कदम न्यायपालिका में समर्पण और सक्षम न्यायधीशों की आवश्यकता को देखते हुए उठाया गया है, ताकि न्यायिक व्यवस्था में और सुधार हो सके और न्यायिक कार्यों का समय पर निष्पादन सुनिश्चित हो सके. स्थायी न्यायाधीशों के रूप में इन न्यायधीशों की नियुक्ति से दोनों उच्च न्यायालयों में न्यायिक कार्यों की गति में वृद्धि होने की संभावना है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Supreme Court
Courtesy: Social Media

कॉलेजियम द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ‘‘उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने पांच फरवरी, 2025 को अपनी बैठक में मद्रास उच्च न्यायालय में मौजूदा समय में अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर कार्यरत न्यायमूर्ति वेंकटचारी लक्ष्मीनारायणन और न्यायमूर्ति पेरियासामी वडामलाई को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’’

एक अन्य बयान में कहा गया कि कॉलेजियम ने अतिरिक्त न्यायाधीशों – न्यायमूर्ति लक्ष्मी नारायण अलीशेट्टी, न्यायमूर्ति अनिल कुमार जुकांति और न्यायमूर्ति सुजाना कलसिकम – को तेलंगाना उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

यह कदम न्यायपालिका में समर्पण और सक्षम न्यायधीशों की आवश्यकता को देखते हुए उठाया गया है, ताकि न्यायिक व्यवस्था में और सुधार हो सके और न्यायिक कार्यों का समय पर निष्पादन सुनिश्चित हो सके. स्थायी न्यायाधीशों के रूप में इन न्यायधीशों की नियुक्ति से दोनों उच्च न्यायालयों में न्यायिक कार्यों की गति में वृद्धि होने की संभावना है. 

कॉलेजियम की यह सिफारिश अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही अंतिम रूप से प्रभावी होगी. भारत में न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्यायिक प्रक्रिया के निष्पक्ष संचालन के लिए कॉलेजियम की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. 


(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)