JNUSU Poll: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में देर रात दो छात्र संगठनों के ग्रुप आपस में भिड़ गए. चुनाव से पहले विश्वविद्यालय की जनरल बॉडी मीटिंग में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी संगठन के सदस्यों के बीच झड़प हो गई.
मीटिंग में हुए हंगामे के बाद छात्र संगठन एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. एबीवीपी और वाम दलों दोनों ने मारपीट का दावा करते हुए बताया कि उनके सदस्य घायल हुए हैं. दरअसल, देर रात को दिल्ली के जेएनयू में एक बार फिर बवाल हो गया. DSF छात्र संगठन के मुताबिक जैसे ही जनरल बॉडी मीटिंग की मीटिंग खत्म हुई और EC के मेंबर को चुना गया तभी एबीवीपी और उनके साथियों ने दूसरे स्टूडेंट्स और एक्टिविस्ट पर हमला कर दिया.
डीएसएफ ने आरोप लगाया कि जैसे ही जीबीएम खत्म हुई और ईसी सदस्य चुने गए, एबीवीपी ने जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव मोहम्मद दानिश को बंधक बना लिया. वे अभी भी उसे बंधक बनाए हुए हैं और उसे शारीरिक रूप से परेशान कर रहे हैं. एबीवीपी के कन्हैया कुमार और अन्य एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की.
राजधानी दिल्ली के #जवाहर_लाल_नेहरू_यूनिवर्सिटी में देर रात खूब हंगामा कटा। लेफ्ट संगठनों का आरोप है कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की है। उन्हें लाठी-रॉड से पीटा गया है। वहीं एबीवीपी ने भी लेफ्ट के कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है। इस घटना के कई वीडियो भी… pic.twitter.com/UY5JIYs68r
— India Daily Live (@IndiaDLive) March 1, 2024
हंगामे के बाद पुलिस शिकायत की गई. देर रात मौके पर पुलिस पहुंची. हिंसा के बाद वाम दलों ने कहा कि यह साफ हो गया की एबीपी कैंपस में इलेक्शन नहीं करवाना चाहती है. कैंपस में लोकतांत्रिक फैंसला के खिलाफ सिर्फ अशांति और फैलाना चाहती है.
बता दें कि जेएनयू में चुनाव से पहले एक जनरल बॉडी की मीटिंग होती है. इसमें सभी छात्र संगठनों के दल मौजूद होते हैं और जनरल बॉडी के कम से कम 10 फीसदी छात्रों के हस्ताक्षर होने जरूरी होते हैं. चुनाव से पहले सभी कोरम को पूरा करना होता है. उसके बाद सीएसई को चुना जाता है. तब ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है. जेएनयू में छात्र लंबे समय से चुनाव कराए जाने की मांग कर रहे थे. 2019 के बाद से कैंपस में चुनाव नहीं हुआ है. ऐसे में संभव है कि यह चुनाव 15 मार्च से 29 मार्च तक किसी भी तारीख को हो सकता है.