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India Daily

राजस्थान: ‘SDM थप्पड़ कांड’ के बाद जमकर हिंसा, भारी बवाल के बाद प्रकट हुए नरेश मीणा

ये विवाद तब भड़का जब निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया, क्योंकि चौधरी स्थानीय लोगों द्वारा मतदान का बहिष्कार किए जाने के बावजूद अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रहे थे.

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Edited By: Mayank Tiwari
Rajasthan Violence
Courtesy: PTI

Rajasthan Violence: राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान बूथ के बाहर गुरुवार (13 नवंबर ) को हिंसा भड़क उठी. जहां बुधवार रात उपचुनाव हो रहे थे, जब निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना के कथित समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया और कम से कम एक वाहन में आग लगा दी थी. इस घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है, फिलहाल,आरएएस अधिकारी संघ ने मीना की गिरफ्तारी की मांग कर चेतावनी दी है कि अगर उसे गिरफ्तार नहीं किया गया तो गुरुवार से पूरे राज्य में कलम बंद हड़ताल की जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना तब हुई जब पुलिस टीम ने देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में एक मतदान केंद्र के बाहर उपचुनाव के लिए मतदान के दौरान धरने पर बैठे कांग्रेस के बागी नरेश मीना और उनके समर्थकों को हटाने की कोशिश की.जिसके बाद वहां तैनात एसडीएम और नरेश मीणा के बीच बहस छिड़ गई, बात-बढ़ते-बढ़ते यहां तक चली गई कि गुस्साए नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया.

इलाके में तनाव के चलते तैनात किया भारी संख्या में पुलिस बल- IG

इस मामले में आईजी अजमेर ओमप्रकाश ने बताया कि गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि भीड़ के तितर-बितर होने के बाद ही जलाए गए वाहनों की सही संख्या साफ हो पाएगी. उन्होंने बताया कि भीड़ द्वारा एक वाहन को आग लगाए जाने की पुष्टि हुई है. आईजी ने बताया कि पुलिस कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में लाने में कोशिश में जुटी हुई है. फिलहाल, हालात को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली पुलिस पर पथराव किया गया.

जानिए क्या है पूरा मामला?

ये घटना मालपुरा में हुई जहां मीणा देवली-उनियारा सीट की है. यहीं से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नरेश मीणा चुनाव लड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सैकड़ों लोग उस मतदान केंद्र के बाहर धरने पर मौजूद थे. इस दौरान नरेश मीणा ने मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा, क्योंकि वे अधिक से अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रहे थे. जबकि स्थानीय लोगों ने एक मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था.मीणा ग्रामीणों का समर्थन कर रहे थे.

हिंसक भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव

हालांकि,बाद में वह समरवता गांव में एक मतदान केंद्र के बाहर धरने पर बैठ गए और अपने समर्थकों से लाठी-डंडों के साथ धरने पर इक्ठ्ठा होने के लिए प्रेरित किया. मतदान खत्म होने के बाद पुलिस ने मीना और उनके समर्थकों से मतदान केंद्र के बाहर से हटने को कहा, ताकि मतदान दल ईवीएम मशीनों के साथ केंद्र से निकल सके. हालांकि, पुलिस ने बताया कि वे हिंसक हो गए और पुलिस पर पथराव शुरु कर दिया.