Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान की दहलीज पर विधानसभा चुनावों ने दस्तक दे दी है. चुनावों को लेकर लंबी बैठकों का दौर जारी है. तमाम दल जिताऊ उम्मीदवार की लिस्ट बनाने में जुट गए हैं. टिकटों को लेकर रस्साकशी शुरू हो चुकी है. इस बीच आज हम आपको केकड़ी विधानसभा का सियासी गणित समझाएंगे.
केकड़ी अजमेर जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर है. हाल ही में यहां क्षेत्र के लोगों की मांग पर सीएम गहलोत ने केकड़ी को जिला बनाया है. वर्तमान में कांग्रेस के डॉ. रघु शर्मा यहां से विधायक हैं और राज्य सरकार में चिकित्सा मंत्री रह चुके हैं.
केकड़ी को व्यवसायिक, खनन, खनिज और कृषि संपन्न जिला माना जाता है. पर्यटन के लिहाज से भी केकड़ी काफी प्रसिद्ध है. यहां बेघरा का वराह मंदिर, ढोला मारू तोरण द्वार, सरवाड़ में सैयद फकरुद्दीन चिश्ती की दरगाह, भीनाय की कोड़ा मार होली, केकड़ी की पठाका मार होगी, काला बड़ में पशुपति महादेव मंदिर प्रसिद्ध हैं.
केकड़ा का राजनीतिक इतिहास
1957 से 2018 तक यहां 15 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं जिसमें से 9 बार कांग्रेस, 4 बार बीजेपी, एक बार स्वतंत्र पार्टी और एक बार जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है.
केकड़ी में मतदाताओं की संख्या
वर्तमान में केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 54 हजार 585 मतदाता हैं, जिसमें से 1 लाख 29 हजार 599 पुरुष और 1 लाख 24 हजार 986 महिला मतदाता है.
केकड़ी का सियासी हाल
साल 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार गोपाल धोबी ने इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार बाबूलाल सिंगारिया को हराया था. धोबी को 53.05 प्रतिशत और कांग्रेस को 39.24 प्रतिशत वोट मिले थे.
2008 में इस सीट पर बीजेपी के रिंकू कंवर, कांग्रेस के रघु शर्मा, निर्दलीय बाबूलाल सिंगारिया और भूपेंद्र सिंह के बीच मुकाबला था, जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार रघु शर्मा ने जीत हासिल की थी.
2013 के केकड़ी विधासभा चुनाव में 12 प्रत्याशी के बीच मुकाबला हुआ था. उस दौरान कुल 76.12 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस चुनाव में बीजेपी के शत्रुघ्न गौतम ने जीत हासिल की थी.
वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस ने वापसी की. कांग्रेस के उम्मीदवार रघु शर्मा ने 10 उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए जीत हासिल की थी.
यानि पिछले चार बार से यह सीट एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी के पास रही है. आंकड़ों के हिसाब से इस बार यहां कमल खिलने के संकेत हैं.
केकड़ी का जातीय समीकरण
केकड़ी में सबसे अधिक 25 हजार गुर्जर, 22 हजार ब्राह्मण, 12 हजार राजपूत, 10 हजार माली, 20 हजार वैश्य, 10 हजार एससी, 20 हजार मुस्लिम और बाकी अन्य जातियां हैं.
क्या हैं केकड़ी की जनता के मुद्दे
अवैध बजरी खनन और परिवहन, भ्रष्टाचार, पहुंचवाले लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए रिंग रोड का सर्पाकार होना, मौजूदा विधायक की जनता से बेरुखी, ग्रामीण क्षेत्र की बदहाल सड़कें, केंद्रीय विद्यालय, रेल और राष्ट्रीय राजमार्ग और अजमेर-कोटा, रीको का विस्तारीण जैसे प्रमुख मुद्दे हैं.
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