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Rajasthan Election 2023: खेती से लेकर शिक्षा, इलाज और नौकरी... भाजपा-कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या है फर्क?

कांग्रेस की ओर से एमएसपी के लिए कानून, शिक्षा, नौकरी समेत इलाज और सुरक्षा का वादा किया है. तो उधर, भाजपा की ओर से भी हफ्ताभर पहले जारी घोषणापत्र में भी कई वादे और दावे किए गए हैं.

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Gyanendra Sharma
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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान का चुनावी रण पूरी तरह से सज चुका है. भाजपा की ओर से जारी घोषणा पत्र के बाद आज यानी मंगलवार को कांग्रेस ने भी अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस की ओर से फसलों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानून, शिक्षा, नौकरी समेत इलाज और सुरक्षा का वादा किया है. उधर, भाजपा की ओर से भी एक सप्ताह पहले जारी घोषणापत्र में कई वादे और दावे किए गए हैं. जानते हैं कांग्रेस और भाजपा के घोषणापत्रों में क्या समानता और अंतर है?

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने मंगलवार को राजस्थान के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया. इसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करने के लिए कानून, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमा राशि को 25 लाख रुपये से 50 लाख रुपये करने और अगले पांच साल में 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया. इसमें 4 लाख सरकारी नौकरियों के साथ-साथ महिला सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाना शामिल है.

कांग्रेस लगाएगी हेट स्पीच पर कानून!

अन्य बड़ी घोषणाओं में व्यापक भागीदारी के लिए राजस्थान में विधान परिषद लाना, हेट स्पीच के लिए कड़े कानून, समुदायों के बीच नफरत और दुश्मनी को दूर करने के लिए जिला स्तर पर सुलह और सौहार्द समितियों का गठन भी शामिल है. उधर, घोषणापत्र जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम केवल वही वादे करते हैं, जिन्हें हम पूरा कर सकते हैं, चाहे वह केंद्र में हो या राज्य में. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने राज्य के लिए अपने पिछले घोषणापत्र के 95 प्रतिशत वादे पूरे किए हैं.

साथ ही सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विजन 2030 के लिए 3.32 करोड़ लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन सुझाव दिए, जो पार्टी के घोषणापत्र का आधार भी बने हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कांग्रेस का हेट स्पीच के लिए कड़े कानून का वादा ऐसे समय में आया है जब भाजपा अपना घोषणापत्र जारी कर चुकी है. इसमें भाजपा ने राज्यभर में भारत-विरोधी स्लीपर सेल की जांच के लिए एक विशेष सेल स्थापित करने का वादा किया है.

किसानों के लिए कांग्रेस ने खोला पिटारा

कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि सत्ता में आने के बाद उनकी तात्कालिक प्राथमिकताओं में किसानों के लिए एमएसपी को लागू करने के लिए कानून बनाने का वादा शामिल है, जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी अधिनियम कहा जाएगा. ये अधिनियम स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करेगा. 

सरकार सभी किसानों को सहकारी बैंकों से 2 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कृषि लोन भी देगी. इसके साथ ही विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने से संबंधित किसानों के खिलाफ लंबित केस भी वापस लिए जाएंगे. सीएम गहलोत ने कहा है कि सरकार हाईकोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग बनाएगी, जो कृषि भूमि जब्त करने पर निर्णय लेने से पहले सुनवाई करेगा.

एक हफ्ता पहले भाजपा ने जारी किया था घोषणा पत्र

बता दें कि पिछले हफ्ते भाजपा ने भी अपना घोषणापत्र जारी किया है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दावा किया था कि 19,400 किसानों की जमीन जब्त कर ली गई है और पार्टी ऐसे किसानों को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए एक नीति बनाएगी. यह भी कहा गया था कि गेहूं के लिए 2,700 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के अलावा यह सुनिश्चित करने के लिए एक अधिसूचना लाई जाएगी कि किसी भी कृषि भूमि को जब्त नहीं किया जाएगा.

उधर, केंद्र सरकार की ओर से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की राज्य की मांग का समर्थन नहीं करने पर कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि सरकार इसके चरणबद्ध कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत कार्य योजना पेश करेगी. हालांकि भाजपा के घोषणापत्र में ईआरसीपी का जिक्र नहीं था. 

युवाओं के लिए कांग्रेस का कहना है कि वह पांच साल में 10 लाख रोजगार के मौके पैदा करेगी, जिसमें से 4 लाख रोजगार के मौके सरकारी क्षेत्र में होंगे. इसके अलावा धीरे-धीरे सरकारी रिक्तियों के साथ विलय करते हुए पंचायत स्तर पर युवाओं की भर्ती के लिए नई योजना भी बनाई जाएगी. सरकार एक टोल-फ्री कॉल सेंटर और ई-रोजगार एक्सचेंज भी शुरू करेगी.

पढ़ाई से लेकर रोजगार तक का वादा

इसकी तुलना में भाजपा ने अगले पांच वर्षों में 2.5 लाख नौकरियों के साथ-साथ हर मंडल में एम्स और आईआईटी की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना का वादा किया है. कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना (आईजीयूईजीएस) के तहत रोजगार दिवसों की अधिकतम संख्या सालाना 125 दिन से बढ़ाकर 150 दिन करने का भी वादा किया है.

महिलाओं की सुरक्षा के लिए कांग्रेस का वादा है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाएगी. हर गांव और शहरी वार्ड में सुरक्षा गार्ड नियुक्त किए जाएंगे. पार्टी यौन उत्पीड़न के मामलों में औसत जांच समय को कम करने और सहकारी संस्थानों के साथ-साथ पुलिस बल में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी. इसके जवाब में भाजपा ने भी पुलिस बल में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, हर जिले में एक महिला थाना और एंटी-रोमियो स्क्वॉड के गठन का वादा किया है.

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महिलाओं और बेटियों के लिए ये है खास

कांग्रेस ने मौजूदा छूट के अलावा, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा के लिए हर महीने एक कूपन देने का वादा किया है. कहा है कि वह मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान महिलाओं द्वारा प्राप्त विशेष छुट्टी के लिए भी एक योजना लाएगी. कांग्रेस ने पहले परिवार की महिला मुखियाओं के लिए 10,000 रुपये प्रति वर्ष की घोषणा की थी, जबकि भाजपा ने लाडो प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है, जहां सरकार एक बालिका के लिए 2 लाख रुपये का सेविंग बांड देगी.

कांग्रेस ने दोहराया है कि वह जनसंख्या का सटीक निर्धारण करने और सकारात्मक कार्रवाई पर सूचित निर्णयों के लिए लाभ आवंटित करने के लिए जाति जनगणना कराएगी. शिक्षा के लिए कांग्रेस का कहना है कि वह राज्य में शिक्षा गारंटी कानून लाकर शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत 8वीं की बजाय 12वीं तक की पढ़ाई फ्री करेगी. पार्टी ने पहले सरकारी कॉलेजों के पहली साल के छात्रों के लिए मुफ्त लैपटॉप या टैबलेट और मुफ्त अंग्रेजी-माध्यम स्कूली शिक्षा की घोषणा की थी.

बीमा योजना में भी योजना

उधर, भाजपा ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के स्कूली बच्चों को उनके स्कूल बैग, किताबों और वर्दी के लिए प्रत्यक्ष ट्रांजेक्शन के रूप में 1,200 रुपये देने का वादा किया है. स्वास्थ्य क्षेत्र में कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री नि:शुल्क चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की राशि मौजूदा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये सालाना करेगी और इस योजना के तहत इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) पैकेज को भी शामिल करेगी.

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