नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को AAP राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित आचरण के लिए माफी मांगने को कहा. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ राघव चड्ढा की माफी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और आगे का रास्ता खोजने का प्रयास करेंगे. हमें लगता है कि इस मामले का सौहार्दपूर्वक समाधान हो जाएगा.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा "आपने बिना शर्त माफी की बात कही थी और बेहतर होगा कि आप राज्यसभा के चेयरमैन से अपॉइंटमेंट लेकर उनकी सुविधानुसार उनसे मिलें. आप उनके घर, दफ्तर या सदन में माफी मांग लें क्योंकि यह उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति की गरिमा का मामला है.
AAP सांसद राघव चड्ढा के वकील शादान फरासत सुनवाई के दौरान अपनी दलीलों को रखते हुए कहा "सांसद राघव राज्यसभा के सबसे युवा संसद सदस्य हैं. उनको क्षमा मांगने में कोई हर्ज नहीं है. वो पहले भी क्षमा याचना कर चुके हैं. राघव के निलंबन का प्रस्ताव पूरे सदन ने पारित किया था लेकिन सभापति अपने स्तर पर भी इसे रद्द कर सकते हैं. उनका मकसद किसी भी तरह से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाना नहीं था. चड्ढा राज्यसभा चेयरमैन से मिलने के लिए समय मांगेंगे ताकि बगैर शर्त माफी मांग सकें."
राघव चढ्ढा के वकील के इस दलील पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राघव चढ्ढा जल्द से जल्द यह सब औपचारिकताएं पूरी कर लें. अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एथिक्स पैनल की आज बैठक हो रही है और मामले में कुछ प्रगति होने की उम्मीद है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को दिवाली के बाद सूचीबद्ध किया और अटॉर्नी जनरल से आगे के घटनाक्रम से अवगत कराने को कहा है.
बीते दिनों अगस्त महीने में संसद सत्र के दौरान पांच सांसदों ने आरोप लगाया कि दिल्ली सेवा विधेयक पर प्रस्तावित चयन समिति में शामिल फर्जी हस्ताक्षर को उनकी सहमति किए बिना जोड़ा गया था. जिसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शिकायतों की जांच का ऐलान किया है. राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने विशेषाधिकार समिति की ओर से रिपोर्ट पेश किए जाने तक आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था. पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा पर नियमों का उल्लंघन कर बिना सहमति सदन की चयन समिति में कई सदस्यों का नाम शामिल करने का मुद्दा उठाया. जिसके बाद राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. विशेषाधिकारी समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित किया गया था.
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