नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने लोकसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा ना होने को लेकर निशाना साधा है. केन्द्र सरकार द्वारा सदन में पेश किए जा रहे विधेयकों को लेकर उन्होंने कहा कि जब तक नो - कॉन्फिडेंस-मोशन का फ़ैसला नहीं हो जाता तब तक बिल नहीं लाया जाता. लेकिन सरकार नियमों को ताक पर रखते हुए बिल पर बिल लाए जा रही है. यह दुखदाई है और सीधे तौर पर संसदीय नियमावली का उल्लघंन है.
#WATCH | AAP MP Raghav Chadha, says "No bill is introduced in Parliament after a no-confidence motion is accepted by the Lok Sabha Speaker, but we are seeing that several bills are introduced and passed in Parliament. I appeal to the Speaker that no legislative business should… pic.twitter.com/lC09TH5sEj
— ANI (@ANI) July 28, 2023
आपको बता दे कि मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. जिसे स्पीकर द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया है. लेकिन सदन में हंगामे की वजह से इस पर चर्चा नहीं हो पा रही है. इसी बीच सरकार कई बिल पेश कर चुकी है. जिसे लेकर राघव चड्ढा ने कहा है कि "मेरी यह अपील केंद्र सरकार से रहेगी कि जब तक नो कॉन्फिडेंस-मोशन का फ़ैसला नहीं हो जाता तब तक कोई लेजिस्लेटिव बिज़नस ट्रांजिट नहीं होना चाहिए."
नियमों की हो रही अनदेखी
राघव चड्ढा ने कहा कि जब भी अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में जमा कराया जाता है. और माननीय लोकसभा स्पीकर द्वारा उसे स्वीकार कर लिया जाता है तो कोई भी विधेयक सदन के भीतर नहीं लाया जाता, उसपर मतदान नहीं किया जाता, जब तक नो - कॉन्फिडेंस-मोशन का फैसला नहीं हो जाता. लेकिन इस बार हम देख रहे हैं तमाम नियमों को ताक पर रखकर बिल पर बिल लाए जा रहे हैं. ये दुखदाई है. सीधे तौर पर यह संसदीय कानून का वायलेशन है.
मणिपुर जाएगा डेलिगेशन
मणिपुर में I.N.D.I.A गठबंधन के डेलिगेशन के बारे में बताते हुए उन्होने कहा कि विपक्षी एकता में शामिल पार्टियों के नेता जाकर वहां की स्थिति समझे. मणिपुर के लोगों के साथ-कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों. उन्हें सांतवना दें. और वापस आकर सरकार को मणिपुर की स्थिति से अवगत कराएं कि मणिपुर क्यों जल रहा है.