Punjab News: पंजाब की लुधियाना पुलिस ने मंगलवार देर रात दिल्ली के एक यूट्यूबर, डिजिटल कंटेंट राइटर और खुद को राजनीतिक व्यंग्यकार कहने वाले रचित कौशिक को यूपी के मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया है. लुधियाना के पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल ने बताया है कि कौशिक के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धर्म के आधार पर समुदायों में दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में केस दर्ज किया हया है, जिसके बाद गिरफ्तारी की गई है.
कुछ समय पहले दिल्ली के भाजपा नेता तजिंदर बग्गा को भी पंजाब पुलिस ने गिरफ्तारी किया था.उन्होंने कथित तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के परिवार के बारे में सोश मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर किया था.
रचित कौशिक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हैं. वे इंस्टाग्राम पर 'सब लोक तंत्र' के नाम से चैनल चला ते हैं. इंस्टा पर पोस्ट के जरिए वे खुद को हिंदुत्व की साहसी आवाज, पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं. हालांकि उनका है कि पंजाब पुलिस ने यूपी के मुजफ्फरनगर से राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें उठाया है. उन्होंने अपने चैनलों पर अरविंद केजरीवाल, उनके परिवार और पंजाब सरकार के संबंध में कुछ पोस्ट शेयर किए थे. करीब 24,000 फॉलोअर्स वाले इंस्टा अकाउंट में वे खुद को राजनीतिक व्यंग्यकार भी कहते हैं. रचित की गिरफ्तारी के बाद से उनके समर्थक सोशल मीडिया एक्स पर जस्टिस फॉर बाबा, रचित कौशिक अपहरण और जस्टिस फॉर सब लोक तंत्र बाबा हैशटैग चला रहे हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि लुधियाना के पीरू बंदा इलाके में एक चर्च के पादरी अलीशा मसीह की शिकायत पर अज्ञात शख्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मसीह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला एक वीडियो नो कन्वर्जन नाम के हैंडल से एक्स पर अपलोड किया गया है. मसीह ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन वीडियो देखने के बाद शिकायत दर्ज की थी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वह आदमी कौन है?
सीपी चहल ने कहा कि जांच में पाया गया कि रचित कौशिक एक्स पर एक हैंडल चला रहे थे, जहां वह एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ भड़काने वाली कई ऐसी क्लिप शेयर कर रहे थे. सीपी चहल ने मीडिया को बताया कि वह यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर ऐसे कई अन्य हैंडल चलाते हैं, जहां वह नफरत फैलाने वाले भाषण देते हैं और समुदायों को भड़काने की कोशिश करते हैं. कौशिक के खिलाफ सलेम टाबरी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 295-ए, 153-ए, 153, 504 और आईटी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.