नई दिल्ली: NDA गठबंधन में नीतीश के हिस्सा बनने के बाद बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ है. ऐसे में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में NDA के तमाम घटक दल जुटे हुए है. बिहार की सियासत में चाचा और भतीजे के बीच छिड़ी रार किसी से छिपी नहीं है. हाजीपुर संसदीय सीट को लेकर पासवान परिवार मे चाचा पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान लंबे समय से आमने सामने है. अब ऐसे में केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने वीणा देवी के जगह पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को संसदीय बोर्ड का प्रमुख बनाया है.
दरअसल चिराग पासवान ने बीते दिनों चाचा पशुपति पारस को बड़ा झटका देते हुए सांसद वीणा देवी को अपने खेमे में शामिल कर लिया है. पार्टी में फूट के समय वीणा देवी पारस गुट में शामिल हो गई थी लेकिन अब वो चिराग पासवान के साथ हो गई हैं. ऐसे में पशुपति पारस ने वीणा देवी को हटाकर सूरजभान सिंह को संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद पर ताजपोशी करके बड़ा सियासी संदेश दिया है. वहीं तीन और सांसदों में से सिंह के सूरजभान सिंह के भाई चंदन सिंह, महबूबा अली कैसर और पारस के भतीजे प्रिंस राज बोर्ड के सदस्य पद पर कायम है.
पशुपति कुमार पारस ने वीणा देवी पर एक्शन के जरिये ये संदेश दिया है कि चिराग पासवान से नजदीकी रखने वाले किसी भी नेता के लिए उनकी पार्टी में कोई जगह नहीं है. वहीं तीन सांसदों को संसदीय बोर्ड के सदस्य के तौर पर बरकरार रखते हुए पशुपति ने पार्टी नेताओं का समर्थन अपने साथ होने का सियासी संदेश दिया है.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पशुपति पारस की कोशिश मनोवैज्ञानिक तौर पर चिराग पासवान को झटका देने की है. रामविलास पासवान के वारिस बनने की लड़ाई में दोनों नेता एक दूसरे को मात देना चाहते है. रामविलास पासवान की परंपरागत सीट हाजीरपुर सीट से लड़ने को लेकर चाचा-भतीजे के अपने-अपने दावे हैं. मौजूदा वक्त मे चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस दोनों NDA का हिस्सा है. ऐसे में अब आने वाले दिनों में यह तस्वीर साफ होने की उम्मीद है कि NDA गठबंधन में सीट शेयरिंग का क्या फॉर्मूला होगा?