Orissa Assembly Election Result: लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के साथ ही ओडिशा विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. अभी तक सामने आए आंकड़ों में BJP को यहां स्पष्ट बहुमत मिल रहा है. ऐसे में यहां से 24 साल पुरानी नवीन पटनायक सरकार का जाना तय हो गया है. राज्य में पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने जा रही है. ऐसे में अब मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा भी तेज हो गई है.
उड़ीसा विधानसभा में कुल 147 सीटें हैं. इसमें से भारतीय जनता पार्टी करीब 78 सीट हासिल कर रही है. ये बहुमत के आंकड़े से 4 ज्यादा है. यानी सरकार का बनना तय है. आइये जानें प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन हो सकता है?
भारतीय जनता पार्टी ने उड़ीसा विधानसभा चुनाव में 78 सीटें हासिल की है. वहीं उसकी सबसे बड़े प्रतिद्वंदी और वर्तमान में सरकार चला रही बीजू जनता दल ने 51 के करीब सीटे हासिल की है. वहीं कांग्रेस के खाते में यहां की 14 सीटें गई हैं. अन्य के खाते में राज्य की 4 सीटें जा रही है.
धर्मेंद्र प्रधान- बीजेपी की तरफ से धर्मेंद्र प्रधान को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. वो राज्य के बड़े नेता हैं साथ ही मोदी मंत्रिमंडल में शामिल रहे हैं.
संबित पात्रा- ये अपना पिछला चुनाव भले हार गए थे. लेकिन बीजेपी प्रवक्ता होने के साथ पात्रा बड़ा चेहरा हैं. ऐसे में उनका नाम भी CM की रेस में है.
मनमोहन सामल- भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले प्रदेश का अध्यक्ष बनाया था. जीत की क्रेडिट उनका जाती है. ऐसे में ये भी CM हो सकते हैं.
जय नारायण मिश्रा- संबलपुर विधानसभा क्षेत्र विधानसभा में पहुंचने वाले जय नारायण मिश्रा भी सीएम पद की रेस में शामिल हैं. वो नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं.
अपराजिता सारंगी- महिला होने के साथ अपराजिता सारंगी भुवनेश्वर से मौजूदा सांसद हैं. उन्होंने IAS की नौकरी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था.
उड़ीसा में 24 साल से बीजू जनता दल के नवीन पटनायक सरकार चला रहे थे. हालांकि, इस बार उनके खिलाफ माहौल बनने लगा था. पटनायक की उम्र को भी भाजपा ने एक मुद्दा बनाया था. शायद जनता ने कठपुतली सरकार को नकारा है.
विधानसभा के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने उड़ीसा लोकसभा चुनावों में भी बेहतर प्रदर्शन किया है. यहां BJP को 21 में से 19 सीटें मिली है. वहीं कांग्रेस और बीजू जनता दल को महज 1-1 सीटें मिल पाई हैं. उड़ीसा वहीं राज्य है जहां 2019 में जनता से सेप्रेट वोट किया था. विधानसभा के लिए तो BJD को चुना था लेकिन लोकसभा में बीजेपी को वोट दिए गए थे.