आदित्य कुमार/ नोएडा: उत्तर प्रदेश के जिला गौतमबुद्ध नगर को प्रदेश का शो विंडो कहा जाता है. लेकिन यहां पर सरकारी तंत्र बिल्कुल कमजोर होता दिखाई दे रहा है. दो साल पहले बने नोएडा के इकलौते जिला अस्पताल की सीलिंग मंगलवार की देर रात भरभराकर गिर गई. गनीमत यह रही कि घटना के दौरान अस्पताल में कोई नहीं था नहीं तो कोई बड़ी घटना हो सकती थी.
कुछ ही महीने पहले शिफ्ट हुआ था अस्पताल
सेक्टर 39 में कोरोना के समय नए अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर तो बन गया था लेकिन कोरोना को देखते हुए यहां कोविड अस्पताल बनाया गया था. कुछ महीने पहले ही सेक्टर 30 से जिला अस्पताल सेक्टर 39 शिफ्ट किया गया था. यानी जिला अस्पताल शिफ्ट हुए एक साल भी नहीं बीता कि कमजोर निर्माण के कारण सीलिंग और टाइल्स गिरने लगे.
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सर्वोच्च न्यायालय की तल्ख टिप्पणी
साल 2021 देश के सर्वोच्च न्यायालय ने नोएडा अथॉरिटी के बारे में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि नोएडा अथॉरिटी के आंख कान-नाक सब जगह से भ्रष्टाचार टपकता है. जिला अस्पताल के सीलिंग गिरने के बाद अस्पताल की इमारत बनने में भी भ्रष्टाचार की गंध आ रही है. तीन साल पहले 519 करोड़ की लागत से यह अस्पताल बनकर तैयार हुआ था.
क्या कहना है अधिकारियों का
जिला अस्पताल के सीएमएस रेणु अग्रवाल ने बताया कि यह अस्पताल नोएडा ऑथोरिटी ने ही बनवाया था. ऑथोरिटी ने ही निर्माण कराकर हैंडओवर किया था. हम चिट्ठी लिखकर ऑथोरिटी को इसकी जानकारी देंगे. दूसरे मंजिल पर सीलिंग गिरी है उसको ठीक कराया जाएगा.