'महबूबा महबूबा...', गोवा नाइट क्लब में झूम रही थी डांसर, तभी लगी भीषण आग, सामने आया खौफनाक वीडियो
अचानक डांसर के पीछे कंसोल पर आग की लपटें दिखाई देती हैं. दो लोग, जो शायद क्लब के कर्मचारी हैं, कंसोल की ओर दौड़ते हुए और आग के नीचे से एक लैपटॉप निकालते हुए दिखाई देते हैं.
पणजी: गोवा के अरपोरा इलाके में शनिवार देर रात एक नाइट क्लब में सिलेंडर ब्लास्ट होने से 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हैं. जब आग लगी उस समय 'बिर्च बाय रोमियो लेन' में जमकर पार्टी चल रही थी. उत्तरी गोवा के अरपोरा स्थित इस लोकप्रिय क्लब का एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक नर्तकी शोले के चार्टबस्टर गाने 'महबूबा ओ महबूबा' की धुन पर थिरकती हुई दिखाई दे रही है.
अचानक, नर्तकी के पीछे कंसोल पर आग की लपटें दिखाई देती हैं. दो लोग, जो शायद क्लब के कर्मचारी हैं, कंसोल की ओर दौड़ते हुए और आग के नीचे से एक लैपटॉप निकालते हुए दिखाई देते हैं. शुरुआत में, भीड़ घबराती नहीं दिखती और कोई नर्तकी की तारीफ़ में कहता है, "आग लगा दी आपने."
आग की लपटें छत से तेजी से फैलती दिखी
लेकिन जैसे-जैसे आग फैलती है संगीतकार अपने वाद्य यंत्र छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते दिखाई देते हैं. कुछ ही पलों में, नर्तक, कर्मचारी और भीड़ में मौजूद लोग बाहर निकलने लगते हैं. आग की लपटें छत से तेज़ी से फैलती दिखाई देती हैं.
25 लोगों की मौत
अगले कुछ मिनटों में आग ने नाइट क्लब को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए. आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है. प्रत्यक्षदर्शियों और दमकलकर्मियों के अनुसार, संकरे प्रवेश-निकास द्वार ने आग लगने के बाद अफरा-तफरी और बढ़ा दी. कई लोग तो किसी तरह बच निकलने में कामयाब रहे, लेकिन कुछ पर्यटक नीचे रसोई में भाग गए और कर्मचारियों के साथ वहीं फंस गए.
संकरे प्रवेश द्वार ने भी बचाव अभियान को और चुनौतीपूर्ण बना दिया. दमकलकर्मियों ने बताया कि नाइट क्लब की ओर जाने वाली गलियां इतनी चौड़ी नहीं थीं कि दमकल गाड़ियां वहां से गुज़र सकें. इसलिए, दमकल गाड़ियों को लगभग 400 मीटर दूर खड़ा किया गया, जिससे बचाव अभियान जटिल हो गया. इस त्रासदी में मारे गए कई लोगों की मौत दम घुटने से हुई, जबकि अन्य गंभीर रूप से झुलस गए.
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि गोवा में ऐसी घटना पहली बार हुई है. उन्होंने कहा, "मेरी शुरुआती जांच से ऐसा लगता है कि आग ऊपरी मंज़िल पर लगी थी. दरवाज़े बहुत ज़्यादा बंद होने की वजह से कुछ लोग बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन आग तेज़ होने पर बाकी लोग बाहर नहीं निकल पाए. जो लोग भूमिगत क्षेत्र की ओर गए, उनमें से कई की दम घुटने से मौत हो गई क्योंकि वहां ठीक से वेंटिलेशन नहीं था."