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Maharashtra election: क्या बीजेपी को मिलेगी 150 सीट? महायुति के सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सस्पेंस जारी

Maharashtra election: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन इसके साथ ही सत्ताधारी महायुति गठबंधन में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर सस्पेंस बरकरार है. जहां एक और खबरें आ रही हैं कि बीजेपी 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और अगर ऐसा होता है तो अन्य दो दलों के लिए केवल 128 से 138 सीटें ही बचेंगी, जो कि शिवसेना और एनसीपी को नामंजूर है.

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Mahayuti Alliance
Courtesy: Social

Maharashtra election: महायुति गठबंधन, जिसमें भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में) और एनसीपी (अजीत पवार के नेतृत्व में) शामिल हैं, वर्तमान में आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत कर रहे हैं. 

बीजेपी 150 सीट पर लड़ सकती है चुनाव

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि भाजपा लगभग 140 से 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि शिवसेना 80 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और एनसीपी 55 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. तीन सीटें छोटे सहयोगियों के लिए आरक्षित की गई हैं.

यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीनों दलों के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की और आगामी विधानसभा चुनाव में तीनों को सम्मानजनक संख्या में सीटें देने का वादा किया. अमित शाह ने उन्हें सार्वजनिक टकराव से बचने और एकजुट प्रदर्शन करने के लिए भी कहा.

अगर ऐसा हुआ तो गठबंधन में आ सकती है दरार

मीडिया रिपोर्ट में पहले खबर आई थी कि भाजपा 150 से 160 सीटों के बीच चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है. ऐसा होने की स्थिति में, अन्य दो दलों के लिए केवल 128 से 138 सीटें ही बचेंगी, जो कि शिवसेना और एनसीपी को मंजूर नहीं है.

इस गठबंधन का मुकाबला महा विकास अघाड़ी से होगा, जो कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शरद पवार के एनसीपी गुट से बना एक विपक्षी गठबंधन है. हाल के लोकसभा चुनावों में, महा विकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 30 सीटें जीतीं, जो महायुति से बेहतर प्रदर्शन था, जिसने 17 सीटें हासिल कीं.

कैसा था 2019 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव

2019 के महाराष्ट्र चुनावों में, भाजपा और अविभाजित शिवसेना ने निर्णायक जीत हासिल की, लेकिन बाद में नेतृत्व विवाद के कारण अलग हो गए, जिसमें उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाई. 2022 में, एकनाथ शिंदे के विद्रोह के परिणामस्वरूप ठाकरे की सरकार गिर गई, जिसके कारण शिंदे ने भाजपा के साथ गठबंधन किया.

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने एचटी को बताया कि पार्टी लगभग 160 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही थी, और लगभग 60 सीटें अजित पवार को और 70 सीटें सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को देने की योजना बना रही थी.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने करीब 160 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 105 सीटें जीती थीं. इसलिए हमें 100 से ज़्यादा सीटें जीतने के लिए आगामी चुनाव में करीब 160 सीटों पर चुनाव लड़ना होगा." 

अमित शाह ने बैठक में क्या किया था वादा?

वहीं राज्य एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने पुष्टि करते हुए कहा कि सीटों के बंटवारे पर चर्चा करते हुए यह स्पष्ट किया गया कि सीटों का बंटवारा सम्मानजनक होगा. अमित शाह ने सभी को जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत हस्तक्षेप का आश्वासन दिया. अमित शाह के साथ बैठक सोमवार को एनसीपी ने अमित शाह के साथ दो बैठकें कीं. पहली बैठक अमित शाह, एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच मुंबई एयरपोर्ट पर हुई. 

चर्चा का विषय योजनाओं और पार्टियों को उनके लिए पैसों का बंटवारा, जिन फाइलों और प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिल रही थी और केंद्र से पेंडिंग पैसा था. एक अन्य बैठक में सत्तारूढ़ दलों के शीर्ष नेताओं ने सीट बंटवारे और आंतरिक संघर्ष जैसे मुद्दों पर चर्चा की. इस बैठक में शाह ने शिवसेना के मंत्रियों की ओर से एनसीपी पर किए गए हमले पर अपनी नाराजगी जताई.