Lok Sabha Elections 2024 : पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. गुजरात कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में शामिल कद्दावर नेता अर्जुन मोढवाडिया हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ये वहीं अर्जुन मोढवाडिया हैं, जिन्होंने 2019 में पीएम मोदी के सीने को लेकर विवादित बयान दिया था.
इनके बयान को लेकर खूब हंगामा भी हुआ था. अर्जुन मोढवाडिया गुजरात में कांग्रेस की ओर से मोदी के सामने चेहरा थे. आखिर पीएम मोदी का सीना नापने वाले अर्जुन मोढवाडिया ने मोदी के दिल में कैसे जगह बना ली और बीजेपी में शामिल हो गए.
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में सुमार अर्जुन मोढवाडिया ने पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसको लेकर खूब हंगामा हुआ था. मोढवाडिया ने कहा था कि केवल गधों का सीना 56 इंच का होता है.
साथ ही पीएम मोदी के समर्थकों पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो लोग इस बात को नहीं समझते इसीलिए अपने नेता के 56 इंच के सीने की बात पर खुश होते हैं. मोढवाडिया ने 2014 में मोदी के एक बयान की याद दिलाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके जैसे ‘56 इंच सीने’ वाला व्यक्ति ही बड़े निर्णय ले सकता है.
मोढवाडिया ने कहा, ‘एक सेहतमंद व्यक्ति का सीना 36 इंच का होता है, बॉडी बिल्डर का सीना 42 इंच का हो सकता है, केवल गधों का सीना 56 इंच का होता है और बैलों का सीना 100 इंच का होता है. भक्त (मोदी प्रशंसक) यह बात नहीं समझते और इस बात से खुश होते हैं जब कोई कहता है कि उनके नेता का सीना 56 इंच का है.’ मोढवाडिया के इस बयान पर खूब बवाल भी मचा था.
कांग्रेस के सबसे मुखर विधायकों में शामिल अर्जुन मोढवाडिया गुजरात में अहमद पटेल के बाद दूसरे नंबर के कांग्रेस नेता गिने जाते थे. अर्जुन 1997 में कांग्रेस से जुड़े और धीरे-धीरे पार्टी के टॉप नेताओं में शामिल हो गए. वह राज्य में कांग्रेस की कमान संभाल चुके हैं और नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं.
अर्जुन मोढवाडिया ने 10 जनवरी को पहली बार राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस के रुख पर आपत्ति जताई थी. तभी से उनके बीजेपी में जाने की अटकले लगाई जाने लगी थीं. इसके बाद आज सोमवार को अर्जुन मोढवाडिया ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर पार्टी से 40 साल पुराने रिश्ते को खत्म लिया.
ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोढवाडिया को 2004 से 2007 के बीच मोदी को टक्कर देने वाला कांग्रेस का चेहरा माना जाता था. वह पोरबंदर से विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस से 40 साल का रिश्ता खत्म होने के बाद अब माना जा रहा है कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उपचुनाव में भी बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार के रूप में खड़े हो सकते हैं. इसके अलावा उन्हें पार्टी में भी महत्वपूर्ण जिम्मदेरी दी जा सकती है.
अर्जुन मोढवाडिया के कांग्रेस छोड़ने से पार्टी को बड़ा नुकसान होगा. वहीं उनके बीजेपी में शामिल होने से पोरबंदर और उसके आसपास बीजेपी मजबूत हुई है. बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में पोरबंदर की सीट से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी ने राज्य की तमाम लोकसभा सीटों को पांच लाख मतों के अंतर से जीतने का लक्ष्य रखा है, तो वहीं राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि राजुला से बीजेपी के मौजूदा विधायक हीरा सोलंकी भावनगर से लोकसभा के उम्मीदवार हो सकते हैं.