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Joshimath Crisis: जोशीमठ पर फिर मंडराया खतरा, 6 फीट गहरी दरार से खौफ के साए में लोग

Joshimath Crisis: जोशीमठ में एक बार फिर से संकट के बादल मंडरा रहे हैं. एक खेत में 6 फीट की गहरी दरार देखी गई है. दरारे देखकर लोगों के बीच खौफ पैदा हो गया है.

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Gyanendra Tiwari
Last Updated : 05 July 2023, 01:09 PM IST
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नई दिल्ली.Joshimath Crisis: चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. भारी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ और बद्रीनाथ पहुंच रहे हैं. यात्रा के बीच जोशीमठ में एक बार फिर गहरा संकट छा गया है. जोशीमठ के आस-पास निवास करने वाले लोग बेहद खौफजदा हैं. एक तरफ श्रद्धालु चार धाम की यात्रा पर निकले हैं तो दूसरी तरफ भारी बारिश के चलते जोशीमठ पर संकट के बादल छाए हुए नजर  आ रहे हैं. बरसात के चलते एक बार फिर से दरारें पढ़ने लगीं है. इन दरारों को देखकर लोग डरे हुए हैं. स्थनीयों के मुताबिक पास के एक खेत में 6 फीट की दरार देखी गई है.

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उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के आस-पास रहने वाले लोगों ने  प्रशासन को पहले ही सचेत कर दिया था कि बारिश के मौसम में यहां के हालात और भी ख़राब हो सकते हैं. पहले से सूचना होने के बावजूद प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. नतीजा यह है कि एक बार फिर से दरारों के पड़ने का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है.

6 फीट की गहरी दरार देखी गई

जोशीमठ शहर के रहने वाले विनोद सकलानी ने कहा, “अपने घर के पास एक खेत में कम से कम 6 फीट की एक दरार दिखी है. ऐसा लग रहा है कि यह बारिश के कारण हुआ है. बारिश के कारण अधिक नुकसान होने की आशंका है. पत्थर और मिट्टी से  मैंने दरारे भर दी है. हालांकि, दरारे बढ़ ही रही हैं”

जनवरी में बिगड़े थे हालात

साल की शुरआत में जोशीमठ में दरारे देखी गई थी. जनवरी में तो हालात बेहद खराब हो गए थे. प्रशासन को पूरा इलाका खाली कराना पड़ा था. सैकड़ों परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट कराया गया था. स्थानीय लोंगों का कहना है कि अगर मानसून आने से पहले दरारों को भरकर उसकी मरमम्त का कार्य कर दिया जाता है तो दरारें पड़ने की संभावना कम होती है. अब मानसून की दस्तक के बाद एक बार फिर से जोशीमठ निवासियों के लिए संकटमय घड़ी आ गई है. मानसून के मौसम में दरारे पड़ना चिंता का विषय है.