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India Daily

'वेतन के लिए नहीं वतन के लिए फौज में आएं', आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने देश के युवाओं से क्यों कही ये बात?

इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उन युवाओं के लिए खास संदेश दिया जो सेना में आने की चाह रखते हैं. उन्होंने कहा कि अगर आर्मी में आना है तो वतन के लिए आएं वेतन के लिए ना आएं.

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Edited By: Shanu Sharma
Indian Army
Courtesy: Social Media

Indian Army: भारत में कई युवाओं का सपना आर्मी में जाना होता है. हालांकि कुछ लोग सेना की नौकरी के साथ मिलने वाले वेतन और सुविधाओं से प्रभावित होते हैं. ऐसे युवाओं और छात्रों के लिए इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खास संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सेना में आना है तो वतन के लिए आएं ना की वेतन के लिए. 

इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ये बात एनबीटी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है. देश प्रेम को जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि अगर मैं आर्मी में नहीं होता तो या तो नेवी में सबमरीनर में होता. अगर यहां भी नहीं होता तो एयरफोर्स में फाइटर पायलट होता लेकिन वतन की सेवा में ही होता. 

बिपिन रावत को किया याद

जनरल द्विवेदी ने वहां मौजूद लोगों से बात करते हुए कहा कि मौजूदा एयरफोर्स चीफ मेरे साथी हैं. उन्होंने मुझसे वादा किया है कि अगली बार जब वह भारत निर्मित एलएसी तेजस को उड़ाएंगे तो मैं भी उनके साथ उड़ान भरूंगा. इस खास बातचीत के दौरान उन्होंने भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत को भी याद करते हुए कहा कि वो कहा करते थें कि ‘खामोशी से बनाओ पहचान अपनी, हवाएं खुद व खुद तुम्हारी तराना गाएंगी’.

उन्होंने कहा कि आप शांती से मेहनत करें, अपने लक्षय को तय करें और अपनी टीम को साथ लेकर चलें. जिसके बाद शोहरत खुद आपके पीछे आएगी. उन्होंने लोगों को मैसेज देते हुए कहा कि मैं बस इतना ही कहूंगा कि आप जो भी जिंदगी में पाना चाहते हैं, उसकी तैयारी आज से ही शुरू कर लें. उन्होंने कहा कि फौज एक अच्छा जरिया है जिससे आप अपनी अपनी उमंगों को हासिल कर सकते हैं. आप एडवंचर कर सकते हैं. लेकिन मेरी ओर से बस खास संदेश यही है कि अगर आप फौज में आना चाहते हैं तो वतन के लिए आएं वेतन के लिए नहीं.

यूनिट ने दिया साथ 

आर्मी चीफ ने टीचर्स के महत्व को बताते हुए कहा कि हमारे टीचर्स अपने परिवार से ज्यादा हमारा ख्याल रखते हैं. वो हमेशा हमें यही कहा करते थे कि बेटा चाहे कितने बड़े भी बन जाओ लेकिन जमीन से कभी मत उठना. उन्होंने कहा कि मेरी यूनिट का कोई भी जवान आता है तो वह आकर सीथे सीटे के सामने बैठता है चाहे बाकी ऑफिसर खड़े क्यों ना हो. आज मैं जो भी हूं अपने यूनिट के कारण हूं. इस यूनिट ने मेरे साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम किया है. उन्होंने कहा कि मैं जीवन में कितना भी ऊपर चला जाऊ मेरे जवान हमेशा मेरे नजदीक रहेंगे.