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ISRO भेजता रहा सिग्नल लेकिन सोते रहे Pragyan और Vikram, जानें अब आगे क्या...?

ISRO Chandrayaan-3 Mission: चांद पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को इसरों की तरफ से लगातार सिग्नल भेजे जा रहे हैं. फिलहाल विक्रम और प्रज्ञान ने इन सिग्नल्स को रिसीव नहीं किया है.

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Amit Mishra
Last Updated : 23 September 2023, 07:11 AM IST
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ISRO Chandrayaan-3 Mission Update: भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 का अगला पड़ाव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए अब आसान नजर नहीं आ रहा है. चांद की सतह पर सो रहे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अब तक नहीं जाग सके हैं. शुक्रवार को इसरो की ओर से लगातार वेकअप सिग्नल भेजे गए, लेकिन अभी तक इन विक्रम और प्रज्ञान ने सिग्नलों को रिसीव नहीं किया गया है. इस बीच इसरो ने हार ना मानने की बात कहते हुए कहा कि कोशिशें जारी रहेंगी.

ये है इसरो का मकसद

बता दें कि चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने चांद पर पूरा एक दिन बिताया है. इस दौरान इसरो को चांद के बारे में कई अहम जानकारियां भी मिली हैं. फिलहाल चंद्रयान-3 मिशन का मकसद पूरा हो चुका है लेकिन कोशिश इस बात की है कि विक्रम और प्रज्ञान को एक बार फिर एक्टिव कर अधिक जानकारी जुटाई जाए. फिलहाल इसरों की ये कोशिश सफल होती नहीं दिख रही है.

 

जानें चांद पर कितने दिनों की होती है रात

गौरतलब है कि चांद पर एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है. इससे पहले ISRO ने विक्रम और प्रज्ञान स्लीप मोड में डाल दिया गया था, ताकि इसमें बैटरी बची रहे और 14 दिन की रात के बाद जब चांद पर फिर सवेरा हो तो इन्हें फिर एक्टिव कर दिया जाए. शुक्रवार को ISRO ने यही कोशिश की जो नाकाम रही. फिलहाल चांद पर 14 दिनों के रात की अवधि खत्म हो चुकी है और वहां पर फिर से रोशनी पहुंचने लगी है.

जानें बड़ी बात

इससे पहले 23 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की थी. लैंडिंग के बाद से तकरीबन 11 दिन तक रोवर ने चांद की सतह से खनिजों, भूकंपीय गतिविधियों और प्लाज्मा के बारे में कई अहम जानकारियां भेजी थीं. चंद्रयान-3 मिशन के तहत अब तक जितना डाटा चांद से मिला है उस हिसाब से विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का काम पूरा हो चुका है. ऐसे में अब विक्रम और प्रज्ञान उठ भी गए तो जो जानकारी मिलेगी वो बोनस की तरह होगी.

chandrayaan 3 Moom mission
 

क्या करेंगे विक्रम और प्रज्ञान

यहां ये भी बता दें कि अगर इसरो का प्रयास सफल रहता है...प्रज्ञान और विक्रम जाग जाते हैं तो ये वही काम करेंगे जो अब तक करते आए हैं, विक्रम में लगे रंगा, चास्टे, इल्सा और एलआरए चांद के प्लाज्मा, गर्मी-तापमान, लैंडिंग साइट के पास भूकंपीय गतिविधि, चांद के डायनेमिक्स को समझने का प्रयास करेंगे. इसके अलावा प्रज्ञान के साथ गए पेलोड्स LIBS कंपोजिशन यानी की चांद की सतह की खनिजों की स्टडी करेगा. वहीं APXS चांद की सतह पर रसायनों की खोज करेगा.

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