लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट को लेकर भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बयान दिया है. उन्होंने पेजर सप्लाई करने के तरीके को 'इजरायल का मास्टरस्ट्रोक' करार दिया है. पिछले महीने लेबनान में हिजबुल्लाह सदस्यों के पेजर और वॉकी-टॉकी में हुए कई विस्फोटों में लगभग 40 लोग मारे गए और 3,000 से अधिक घायल हो गए.
इजरायल और लेबनान के समूह हिजबुल्ला के बीच संघर्ष जारी है. सितंबर के अंत में लेबनान में दो दिन में लगातार पेजर और वॉकी टॉकी ब्लास्ट की घटनाएं हुई थीं. भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से जब सवाल इजरायल के पेजर को बम बनाने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि जिस पेजर की आप बात कर रहे हैं, वह एक ताइवान कंपनी है, जिसे हंगरी की कंपनी को सप्लाई किया जा रहा है. इसके बाद हंगरी की कंपनी उन्हें दे रही है. तैयार की गई शेल की कंपनी इजरायल की तरफ से एक मास्टरस्ट्रोक जैसा था.
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह को पटरी से उतारने के लिए लेबनान भेजे जाने वाले विस्फोटक पेजर बनाने वाली एक फर्जी कंपनी स्थापित करने का इजरायल का कदम एक 'मास्टरस्ट्रोक' था. चाणक्य डिफेंस डायलॉग्स में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि इस कदम के लिए इजरायल को कई वर्षों की तैयारी करनी पड़ी. जनरल द्विवेदी ने कहा कि युद्ध उस दिन शुरू नहीं होता जिस दिन आप लड़ना शुरू करते हैं, बल्कि युद्ध उस दिन शुरू होता है जिस दिन आप योजना बनाना शुरू करते हैं.
उन्होंने कहा, 'इज़राइल ने कुछ अलग किया है. इज़रायल ने तय किया था कि हमास उनका प्राथमिक लक्ष्य है. इसलिए, इजरायल ने सबसे पहले हमास को खत्म किया और फिर हिजबुल्लाह पर ध्यान केंद्रित किया. पेजर्स के लिए जो शेल कंपनी बनाई गई थी, वह इजरायल का एक मास्टरस्ट्रोक था. सेना प्रमुख ने आगे कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट, अवरोधन ऐसी चीजें हैं जिनके प्रति हमें बहुत सतर्क रहना होगा. हमें तकनीकी स्तर के साथ-साथ मैनुअल स्तर पर भी विभिन्न स्तरों पर निरीक्षण करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे मामले में ऐसी चीजें दोबारा न हों.
पिछले महीने लेबनान में हिजबुल्लाह सदस्यों के पेजर और वॉकी-टॉकी में कई विस्फोट हुए, जिसमें करीब 40 लोग मारे गए और 3,000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. तीन इजरायली खुफिया अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि पेजर बनाने वाली कंपनी मोसाद द्वारा बनाई गई एक सेल फर्म थी, जो लेबनान भेजने से पहले स्रोत पर उपकरणों को रिग करने के लिए बनाई गई थी.