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India Daily

Indira Gandhi Death Anniversary: जब इंदिरा गांधी को 'गाली' देने का टेप हुआ लीक, अमेरिकी राष्ट्रपति-विदेश मंत्री की करतूत से मचा हंगामा

इंदिरा गांधी को उनके मजबूत नेतृत्व और भारत के आधुनिकीकरण के प्रयासों के लिए याद किया जाता है. उनका कार्यकाल 1975 से 1977 तक आपातकाल की घोषणा सहित कड़े फैसले लेने के कारण विवादों से भी घिरा रहा.

Indira Gandhi Death Anniversary 2024
Courtesy: Pinteres

Indira Gandhi Death Anniversary 2024: आज ही के दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी. उनकी मौत गांधी परिवार टूट गया था. आज उनके डेथ एनिवर्सरी पर जानते हैं उनके जीवन के बारे में. अपने मजबूत नेतृत्व और विवादास्पद नीतियों के कारण ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पूरी दुनिया आयरन लेडी के नाम से जानती है. उनके लिए कई फैसले बहुत ज्यादा विवादों में रहें. वह दो दशकों से अधिक समय तक भारतीय राजनीति का वो चेहरा रहीं जिसे हमेशा याद रखा जाएगा.

उनके कार्यकाल को आप प्रगति और संघर्ष दोनों ही रूप में देख सकते हैं. उनके उनके नेतृत्व में उनके लिए कई फैसलों को प्रशंसा और आलोचना दोनों का सामना करना पड़ा. जिन्हें इतिहास में रुचि है वो जानते होंगे कि इंदिरा का जीवन पूरी तरह से विवादों से घिरा हुआ था. साल 2005 की बात है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर के बीच का एक रिकॉर्डिंग लीक हो गया था. जिसमें दोनों इंदिरा गांधी को लेकर आपत्तिजनक बातें कह रहे थे. आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की डेथ एनिवर्सरी है. ऐसे में जान लेते हैं उनके जीवन के विवादित मामले. 

कब और कैसे हुई थी इंदिरा गांधी की हत्या

आज ही के दिन 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या को अंजाम दिया गया था. इस हत्या को अंजाम देने वाले कोई और नहीं बल्कि सिख अंगरक्षक थे. उनकी हत्या के 30 साल हो गए हैं. जब इंदिरा की हत्या कर दी गई थी. तो जांच से रिपोर्ट में पता चला था कि यह हमला उस वर्ष की शुरुआत में 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' शुरू करने के उनके फैसले से हुई थी. इंदिरा गांधी के उस फैसले का उद्देश्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से सशस्त्र सिख आतंकवादियों को हटाना था.

ऑपरेशन में भारी हताहत हुए और कई लोग नाराज हुए. गोली लगने के बाद इंदिरा गांधी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वे अपनी चोटों के कारण दम तोड़ गईं. उनकी मौत की खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और लोग अविश्वास में रह गए. उनकी हत्या के बाद के दिनों में, व्यापक दंगे भड़क उठे, खास तौर पर सिख समुदाय को निशाना बनाया गया, जिसके कारण हजारों लोगों की मौत हो गई और संपत्ति का काफी नुकसान हुआ. भारत में माहौल तनावपूर्ण और अराजक हो गया क्योंकि सड़कों पर गुस्सा और शोक की लहर दौड़ गई. इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार 3 नवंबर, 1984 को हुआ. उनके बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने भारत के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.

क्या था उस वायरल टेप में

अमेरिकी विदेश विभाग ने जुलाई 2005 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर के बीच टेप की गई बातचीत को सार्वजनिक कर दिया. जो 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध से कुछ समय पहले हुई थी. निक्सन और किसिंजर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ बैठक के तुरंत बाद उनके बारे में गरमागरम बातचीत करते हुए सुना जा सकता था. इस बातचीत में निक्सन ने उन्हें 'बूढ़ी चुड़ैल' कहा, जबकि किसिंजर ने उन्हें 'कुतिया' कहा और भारतीय लोगों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें 'बदमाश' करार दिया. 

आपातकाल की घोषणा?

1975 से 1977 तक आपातकाल की घोषणा. इंदिरा गांधी अपनी दृढ़ विदेश नीति के लिए जानी जाती थी. जिसमें 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में उनकी भूमिका भी शामिल थी, जिसने भारत को एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित किया. 31 अक्टूबर, 1984 को भारत को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के साथ एक दुखद और चौंकाने वाली घटना का सामना करना पड़ा. उनकी हत्या नई दिल्ली में उनके आवास पर हुई. इंदिरा गांधी को उनके दो अंगरक्षकों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने गोली मार दी थी.