नई दिल्ली, 16 जनवरी: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने देश में स्टार्टअप्स के लिए केवल खोखली नारेबाजी और प्रचार किया है.
मल्लिकार्जुन खरगे के अनुसार, मोदी सरकार द्वारा किए गए वादों के बावजूद वास्तविक लाभ स्टार्टअप उद्योग को नहीं मिला. खरगे ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने 20,000 करोड़ रुपये के स्टार्टअप सीड फंड का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार ने केवल 454.04 करोड़ रुपये की मंजूरी दी.
5000 से अधिक स्टार्टअप का बंद होना
खरगे ने कहा, “2024 में 5000 से अधिक स्टार्टअप्स को बंद करने के लिए मजबूर किया गया है.” उनका यह बयान केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2020 से अब तक कम से कम 1,56,000 नौकरियां खत्म हो चुकी हैं, जो इस पूरे उद्योग के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है.
मोदी सरकार पर तंज
"9 साल में मोदी सरकार ने सिर्फ फर्जीवाड़े का स्टार्टअप बनाया," खरगे ने अपने पोस्ट में कहा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिन स्टार्टअप्स ने अच्छा काम किया, उनका श्रेय केवल उद्यमियों की मेहनत को जाना चाहिए, न कि केंद्र सरकार को. उनका कहना था कि सरकार ने उद्योग को उचित समर्थन नहीं दिया, और जो भी विकास हुआ, वह स्टार्टअप चलाने वालों की उद्यमशीलता की भावना से हुआ.
सीड फंड के फर्जी वादे
खरगे ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने 20,000 करोड़ रुपये के स्टार्टअप सीड फंड का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार ने केवल 454.04 करोड़ रुपये की मंजूरी दी, जो कि एक छोटा सा हिस्सा है.इसके परिणामस्वरूप प्रति स्टार्टअप को औसतन सिर्फ 32.65 लाख रुपये की वित्तीय मदद मिली, जो उस वादे से कहीं कम है.
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