Haryana Elections 2024: हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर शनिवार को वोटिंग हुई. वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स में कांग्रेस की सरकार बनने के दावे किए जा रहे हैं. इस बीच पार्टी में मुख्यमंत्री पद की रेस भी शुरू हो गई है. सीएम पद के लिए दावे पेश किए जाने लगे हैं. हालांकि इस दौड़ में सबसे आगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं. वे 2005 से 2014 तक दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्होंने विधानसभा चुनावों और हालिया लोकसभा चुनावों में भी पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया.
अपनी सीएम पद की दावेदारी को लेकर बात करते हुए 77 वर्षीय भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मैं अभी रिटायर नहीं हुआ हूं. कांग्रेस पार्टी ही सरकार बनाएगी. पार्टी हाईकमान ही तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे लोग पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहे हैं. लोगों ने कांग्रेस की सरकार बनाने का फैसला किया है.
भूपेंद्र हुड्डा की धुर विरोधी और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा को भी सीएम पद के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. एक प्रमुख दलित चेहरा होने के अलावा, वह गांधी परिवार के साथ अपनी निकटता के लिए भी जानी जाती हैं. शैलजा ने कहा कि कांग्रेस मेरे अनुभव और पार्टी के प्रति मेरी निर्विवाद निष्ठा को नकार नहीं सकती. शैलजा कांग्रेस की एक वफादार सिपाही हैं और हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगी.
कांग्रेस में इस बात की चर्चा है कि अगर हुड्डा मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो जाते हैं तो उनके बेटे और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरेंगे. हालांकि, राज्य भर में अपनी सभी चुनावी रैलियों में दीपेंद्र ने कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार जाने वाली है और कांग्रेस भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाने जा रही है.
शनिवार को अपने गृह क्षेत्र कैथल में वोट डालने के बाद, राज्यसभा सांसद और एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सीएम की महत्वाकांक्षा रखना गलत नहीं है. हम सीएम चेहरे के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लिए गए फैसले को स्वीकार करेंगे.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य कांग्रेस प्रमुख और दलित नेता उदय भान, जो हुड्डा के वफादार माने जाते हैं भी सीएम पद के दावेदारों में से एक हैं. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में एआईसीसी नेताओं के साथ एक बैठक में भान ने भी दावा किया था कि अगर पार्टी सीएम के तौर पर किसी दलित चेहरे का नाम बताएगी तो वह इसके लिए तैयार हैं. कांग्रेस के चुनाव प्रचार के दौरान, इन नेताओं ने अक्सर मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा व्यक्त की थी और उम्मीद जताई थी कि पार्टी चुनाव जीत जाएगी.
लोकसभा चुनावों में हुड्डा ने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए आठ लोकसभा सीटों पर और तत्कालीन सहयोगी आप के उम्मीदवार के लिए कुरुक्षेत्र में प्रचार किया था, लेकिन शैलजा के निर्वाचन क्षेत्र सिरसा से उन्होंने दूरी बनाकर रखी. शैलजा और सुरजेवाला दोनों ही राज्य विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. कांग्रेस ने हुड्डा को चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे में भी तवज्जो दिया. उनके पसंद के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया गया.