सऊदी अरब स्थित मक्का जाना हर मुसलमान का सपना होता है. हर साल लाखों की संख्या में देशभर के मुसलमान वहां जाते हैं. साल 2024 के हज की रस्म (तवाफ) 14 जून से शूरू होगी. हज इस्लामिक कैलेंडर के 12वें यानी आखिरी, बकरा-ईद के महीने धू अल-हिज्जा में किया जाता है. इस साल 6 जून को चांद दिखा. गुरुवार को जिलहज का चांद खाड़ी देशों के अलावा यूके, यूएस और खाड़ी देशों में भी दिखाई दिया. सऊदी अरब को उम्मीद है कि इस बार दुनिया भर से रिकॉर्ड हज यात्री सऊदी आएंगे.
हज को लेकर सऊदी में विशेष तैयारियां की गई हैं, अराफात में सड़को को सफेद रंग से रंगा गया है. हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है. कहा जाता है सभी मुसलमानों को कम से कम एक बार हज जरूर करना चाहिए. हज सऊदी अरब के पश्चिम में मौजूद मक्का में पूरा किया जाता है. हज की रस्म तीन दिन तक निभाई जाती है. पहले दिन मक्का में तवाफ (परिक्रमा) करते हैं. दूसरे दिन अराफात के मैदान में जाते हैं, ये वही जगह है जहां पैगंबर मोहम्मद ने अपना अंतिम उपदेश दिया था.
साऊदी अरब में मक्का और मदीना है, ये इस्लाम का सबसे पवित्र स्थान है. सऊदी अरब में होने वाले हज से इस देश में तीर्थयात्राओं से अरबों डॉलर का बिजनेस होता है. दुनिया भर से आने वाले तीर्थ यात्रियों से भारी कमाई होती है.
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 18 लाख से ज्यादा मुसलमान हज की यात्रा पर आए थे. सऊदी हज और उमराह मंत्री तौफीक अल-रबिया ने कहा, इस साल के हज के लिए दुनिया के विभिन्न देशों से लगभग 1.2 मिलियन तीर्थयात्री पहले ही सऊदी अरब पहुंच चुके हैं. उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक तौर पर इस साल सऊदी में हज यात्रियों के आने की उम्मीद है, उनकी सुरक्षा और आराम के लिए व्यापक उपाय किए गए है