दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर से खराब हो गई है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार के आयोग ने ग्रैप-4 की पाबंदियां फिर से लागू करने का आदेश दिया है. दिल्ली की सभी स्कूलों में क्लास-10 और क्लास-12 को छोड़ कर बाकी सभी कक्षाएं 'हाइब्रिड मोड' में चलेंगी.
बताया जा रहा है कि धीमी हवाओं, कम तापमान और कोहरे की वजह से इलाके में प्रदूषक जमा हो गए, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बुधवार शाम 6.00 बजे बढ़कर 396 हो गया, जो मंगलवार को 275 था. दिल्ली-एनसीआर में GRAP-IV को लागू करने के लिए CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) के आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने कक्षा IX और XI तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित करने का आदेश जारी किया है.
In accordance with the CAQM (Commission for Air Quality Management) order to implement GRAP-IV in Delhi-NCR, Delhi Govt’s Directorate of Education issues order to Conduct Classes in Hybrid Mode for Students of up to Class IX & XI
— ANI (@ANI) January 15, 2025
Order reads, “all Heads of Schools of Govt.,… pic.twitter.com/o0v3U0tHKo
आदेश में कहा गया है कि डीओई, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया जाता है कि वे कक्षा IX और XI तक के बच्चों के लिए 'हाइब्रिड मोड' यानी फिजिकल और ऑनलाइन दोनों तरह से कक्षाएं संचालित करें.
दिल्ली की हवा खराब
14 जनवरी को एक्यूआई 275 था, जबकि 15 जनवरी को यह और बढ़कर 386 हो गया. एक्यूआई में इस अचानक वृद्धि ने प्रशासन को अलर्ट कर दिया और फिर से ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) IV के तहत कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं. इस योजना के तहत प्रदूषण स्तर के बढ़ने पर जरूरी उपाय किए जाते हैं ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और नागरिकों की सेहत को बचाया जा सके.
बुधवार को शाम 5 बजे एक्यूआई 393 था, जो रात 6 बजे तक बढ़कर 396 हो गया. इस स्थिति में प्रदूषण के खतरनाक प्रभावों को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में यातायात और निर्माण कार्यों पर सख्ती से निगरानी रखी जाएगी.
ग्रैप-4 के तहत ये कदम उठाए जा सकते हैं
1. निर्माण और विध्वंस कार्यों पर कड़ी पाबंदी.
2. स्कूलों में खुले में खेलकूद पर रोक लगाना.
3. सरकारी और निजी दफ्तरों में भी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश लागू करना.
4. वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच और जांच के बाद ही उन्हें सड़कों पर उतरने की अनुमति देना.