Kisan Andolan: नई दिल्ली में देशभर के किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी सहित कई मांगों को लेकर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा दिल्ली चलो मार्च प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन ने अब और भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. एमएसपी पर कानूनी मांग को लेकर किसान आक्रोश दिवस मना रहे हैं. इसके अलावा किसान दिल्ली मार्च को लेकर भी अहम फैसला करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने की बात कही है.
किसान 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च और 14 मार्च को रामलीला मैदान में महापंचायत करने वाले हैं. इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से सटे हरियाणा में किसान संगठनों के पदाधिकारियों और आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ वहां की पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत एक्शन लेना शुरू कर दिया है. हालांकि अंबाला एएसपी पूजा डाबला ने किसी भी कार्यवाई से इंकार किया है.
अंबाला एएसपी पूजा डाबला ने कहा कि एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि अभी हम इसके किसी भी प्रावधान को लागू नहीं कर रहे हैं. एनएसए के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. मैं किसानों से अपील करती हूं कि वे ऐसा न करें. कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लें और शांति बनाए रखें. अगर कानून-व्यवस्था कायम रहेगी तो हम किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे.
#WATCH | Haryana | Ambala ASP Pooja Dabla says, "Regarding NSA (National Security Act) it has been decided by senior officials that right now we are not implementing any of its provisions. No action is being taken under NSA...I appeal to the farmers to not take law and order into… pic.twitter.com/bWDg8ZYbUa
— ANI (@ANI) February 23, 2024
किसान और सरकार के बीच अभी तक सहमति नहीं है. विवार को सरकार के साथ जब चौथे दौर की वार्ता विफल रही, तो किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली मार्च का ऐलान कर दिया. हालांकि पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया. इसके बाद गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने चंडीगढ़ में अहम बैठक की, जिसमें शुक्रवार को देशभर में आक्रोश दिवस मनाने पर सहमति बनी. दिल्ली कूच पर आमादा पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले 10 दिनों से शंभू बॉर्डर पर बैठे हैं. कई बार पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई. इस दौरान ड्रोन की मदद से सैकड़ों आंसू गैस के गोले बरसाए गए.
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