इंदौर, 4 फरवरी: मध्यप्रदेश पुलिस ने नकली नोट छापकर विभिन्न राज्यों में चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी और बताया कि आरोपियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में नकली नोट और उपकरण बरामद किए गए हैं.
इंदौर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आदित्य पटले ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मनप्रीत सिंह विर्क, मलकीत सिंह विर्क, महिपाल बेड़ा, अनुराग सिंह चौहान और मोहसिन खान के रूप में हुई है.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और गिरोह का नेटवर्क
पटले ने कहा, "गिरोह का सरगना मनप्रीत सिंह विर्क नागपुर में रहता है. उसने वहां एक फ्लैट किराए पर ले रखा था, जहां 200 और 500 रुपये के नकली नोटों की छपाई की जा रही थी."
छापे में बरामद नकली नोट और उपकरण
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान विर्क के फ्लैट से 'ए-4' आकार के कागजों पर छपे नकली नोट, विशेष स्याही, प्रिंटर और लेमिनेशन मशीन जब्त किए हैं, जो जाली मुद्रा तैयार करने में इस्तेमाल हो रहे थे.
20 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट चलाए जा चुके थे
शुरुआती जांच में पता चला है कि यह गिरोह अब तक 20 लाख रुपये से अधिक के नकली नोट इंदौर, मुंबई और अन्य शहरों में भेज चुका था. नकली नोटों को असली मुद्रा में बदलने के लिए गिरोह के सदस्य सुनियोजित तरीके से विभिन्न राज्यों में इन्हें खपाने की कोशिश कर रहे थे.
ऑनलाइन माध्यमों से सीखा जाली नोट बनाना
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने नकली नोट बनाने की तकनीक टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध वीडियो देखकर सीखी थी. पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य को जनवरी में भी गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस पूरे नेटवर्क तक पहुंच बनाई गई.
जांच जारी, अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस
पुलिस गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों और नकली नोटों के वितरण तंत्र की गहन जांच कर रही है. इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)