दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार सुबह सात बजे से वोटिंग हो रही है. राजधानी में मतदान केंद्रों में अपना वोट डालने के लिए लोग लंबी कतारों में खड़े हैं .अभी तक जो मीडिया रिपोट्स आ रही हैं. उसके मुताबिक दोपहर 1 बजे तक 33.33 फीसदी मतदान हो चुका है. इसके और बढ़ने की संभावना है. दिल्ली में बंपर वोटिंग ने बीजेपी-आप की धड़कनें बढ़ा दी हैं.
वहीं कांग्रेस को भी उम्मीद है कि वो दिल्ली में इस बार बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी. साल 2020 में विधानसभा चुनाव में करीब 62 फीसदी मतदान हुआ था. उस समय आप के खाते में 62 सीटें, बीजेपी के खाते में 8 सीटें और कांग्रेस के खाते में कोई सीट नहीं आई थी.
आज पूरे परिवार के साथ जाकर मतदान किया। हर दिल्लीवासी की तरक़्क़ी और हर ग़रीब परिवार के सम्मानजनक जीवन के लिए वोट दिया। आप भी अपने परिवार के साथ मतदान करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। दिल्ली की तरक़्क़ी रुकनी नहीं चाहिए।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 5, 2025
गुंडागर्दी हारेगी, दिल्ली जीतेगी। pic.twitter.com/6eSZnNTXBB
बीजेपी का खत्म होगा वनवास
बीजेपी की बात करें तो करीब तीन दशक से वो दिल्ली की सत्ता से दूर है. कांग्रेस ने पहले लगातार 1998 से 2013 तक दिल्ली में राज किया. शीला दीक्षित की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को आप ने पहली बार साल 2013 में सत्ता से बाहर किया. हालांकि तब कांग्रेस ने आप को बाहर से समर्थन दिया था. ये सरकार 49 दिन चली. इसके बाद साल 2015 और साल 2020 में हुए चुनाव में आप ने शानदार जीत दर्ज की.
आप को तीसरी बार बहुमत की उम्मीद
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साल 2024 में जेल से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था. उन्होंने जनता के बीच जाने की बात कहकर आतिशी की सीएम पद की गद्दी दे दी थी. वहीं बीजेपी-कांग्रेस का आरोप है कि दिल्ली में शराब घोटाले के सूत्रधार अरविंद केजरीवाल है. केजरीवाल का दावा है कि उन्हें जबरदस्ती फंसाया गया है.आप को अपनी मुफ्त और जनकल्याणीकारी योजनाओं पर भरोसा है. वहीं कांग्रेस की नजर अपने वोटबैंक पर है जो उससे दूर जा चुका है.