लद्दाख को 6वीं अनुसूची का दर्जा दिलाने की मांग करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक दिल्ली आने वाले थे. लेकिन सोमवार की रात बवाना पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. पुलिस ने वांगचुक के साथ 150 समर्थकों को भी हिरासत में लिया. खबरों की माने तो दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी वांगचुक से मिलने के लिए जाने वाली थी. लेकिन मुख्यमंत्री आतिशी को वांगचुक से मिलने की इजाजत नहीं मिली है. सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है. कि सोनम वांगचुक पुलिस स्टेशन में ही अनशन पर बैठे हैं.
पुलिस स्टेशन में तो जाने दिया लेकिन मिलने नहीं दिया
सोमवार की देर रात सोनम वांगचुक अपने समर्थकों के साथ सिंघू सीमा से होते हुए दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे. सीएम आतिशी ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए बताया कि-"मैं सोनम वांगचुक से मिलने आई थी। वह पर्यावरणविद और शिक्षाविद हैं। कई लोग उनसे परिचित भी है. वांगचुक 150 लोगों के साथ अपनी आवाज को केंद्र सरकार तक पहुंचाने के लिए दिल्ली आए थे. लेकिन केंद्र सरकार की दिल्ली पुलिस ने उन्हें सिंघू सीमा से ही हिरासत में ले लिया. लद्दाख के लोग अपने अधिकारों को पाना चाहते हैं. वे एलजी का नेतृत्व नहीं चाहते. मुझे पुलिस स्टेशन में तो जाने दिया लेकिन उनसे मिलने नहीं दिया।"
स्टेशन के आप-पास तैनात किया है पुलिस बल
दरअसल खबरे चल रही थी कि आतिशी को पुलिस स्टेशन के बाहर ही रोका गया था. आतिशी दोपहर 1 बजे पुलिस स्टेशन पहुंच गई थी. जहां उन्हें बाहर ही पुलिसकर्मियों ने रोका. दिल्ली और हरियाणा बार्डर पर स्थित बवाना पुलिस स्टेशन के आस-पास सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
कई अलग-अलग थानों में समर्थकों को रखा
सोनम वांगचुक 'दिल्ली चलो पदयात्रा' का नेतृत्व कर रहे हैं, जो एक महीने पहले लेह से शुरू हुई थी. इस पूरे प्रक्रण में पुलिस ने सोनम वानचुक के साथ आए 150 समर्थकों को भी हिरासत में ले लिया है. पुलिस इन समर्थकों को दिल्ली की सीमा से सटे कई अलग-अलग थानों में रखा है. फिलहाल मामले में जैसे ही अगला आदेश होगा पुलिस उसी के मुताबिक कार्रवाई करेगी.