कनाडा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मार्च और अप्रैल 2024 के दौरान 50,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन नहीं हुआ, जिसमें भारतीय छात्रों की एक महत्वपूर्ण संख्या शामिल थी. इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज और सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के अनुसार, इन छात्रों में से लगभग 20,000 भारतीय थे, जो कि कुल भारतीय छात्रों का 5.4 प्रतिशत हैं. कुल मिलाकर, अनुपालन न करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों का आंकड़ा 6.9 प्रतिशत था, जो कि सभी छात्र स्टडी की परमिशन के लिए शामिल थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह आंकड़े इंटरनेशनल स्टूडेंट कंप्लायंस रेजीम के तहत एकत्रित किए गए थे, जिसमें शैक्षिक संस्थानों को साल में दो बार नामांकन रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र अध्ययन अनुमति के अनुसार पढ़ाई कर रहे हैं.
कई देशों के छात्रों के अनुपालन दर में भिन्नताएं
रिपोर्ट्स के अनुसार, 144 देशों से छात्रों का डेटा ट्रैक किया गया था, और अनुपालन दर में व्यापक भिन्नताएं देखी गईं. उदाहरण के लिए, फिलीपींस से 688 छात्र (2.2 प्रतिशत) और चीन से 4,279 छात्र (6.4 प्रतिशत) अपने निर्धारित स्कूलों में नहीं गए. वहीं, ईरान (11.6 प्रतिशत) और रवांडा (48.1 प्रतिशत) के लिए अनुपालन दर काफी ज्यादा थी.
भारत और कनाडा के बीच अवैध आप्रवासन की जांच
भारत के कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कनाडा के कॉलेजों और भारत में उन संस्थाओं के बीच कथित लिंक की जांच शुरू कर दी है, जिन पर कनाडा-अमेरिका सीमा के पार अवैध प्रवास में मदद करने का आरोप है. कुछ भारतीय छात्रों ने अध्ययन अनुमति का इस्तेमाल कनाडा में प्रवेश करने और फिर अवैध रूप से अमेरिका जाने के लिए किया है.
सिस्टम में सुधार की जरूरत
हेनरी लो टिन, एक पूर्व संघीय अर्थशास्त्री और आप्रवासन विशेषज्ञ है. उनका कहना है कि, ज्यादातर अनुपालन न करने वाले भारतीय छात्र संभवतः कनाडा में रहकर काम कर रहे हैं और स्थायी निवास की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को अग्रिम शुल्क भुगतान की आवश्यकता होनी चाहिए, ताकि सिस्टम के दुरुपयोग को रोका जा सके. कनाडा के आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने हाल ही में शैक्षिक संस्थानों पर अधिक सख्त नियम लागू किए हैं, जिसमें नामांकन रिपोर्ट न करने वाली संस्थाओं पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
अंतरराष्ट्रीय छात्रों का वास्तविक आंकड़ा
कनाडा के आंकड़ों में कुछ खामियां भी देखने को मिली हैं. उदाहरण के लिए, अप्रैल 2024 में स्टैटिस्टिक्स कनाडा द्वारा अनुमानित एक मिलियन से अधिक वैध छात्र वीजा धारकों के मुकाबले IRCC के नामांकन आधारित आंकड़े कम थे. इस अंतर ने यह सवाल उठाया है कि वास्तविक रूप से कितने छात्र गिनती से बाहर हो सकते हैं.