नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष है. इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन का अनोखा तरीका खोजा है. भाजपा समर्थकों ने ममता बनर्जी की तस्वीर को शहद चटाया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे ममता बनर्जी की कड़वी जुबान मीठी हो जाएगी. कार्यकर्ताओं के इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
कोलकाता में भाजपा की युवा शाखा की ओर से निकाली गई एक रैली के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे उन्हें याद दिलाने के लिए 19वीं सदी में राज्य के प्रतीक ईश्वरचंद्र विद्यासागर द्वारा लिखित एक लोकप्रिय प्राइमर 'बरनापरिचय' की प्रतियां भी ले गए थे. इसमें बांग्ला भाषा की समृद्धि के बारे में बताया गया है. दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के लिए आत्मनिरीक्षण की जरूरत पर बल दिया है. आरोप लगाया है कि राज्य में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और अन्य नेता भी बनर्जी के बारे में अपमानजनक तरीके से बात करते हैं.
প্রধানমন্ত্রী শ্রী @narendramodi জীর প্রতি রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী মমতা ব্যানার্জীর অশোভনীয় শব্দ প্রয়োগের প্রতিবাদে বিজেপি যুব মোর্চার প্রতিবাদ কর্মসূচিতে উপস্থিত ছিলেন যুব মোর্চার রাজ্য সভাপতি @IndranilKhan #DesherLojjaMamata pic.twitter.com/FEIoGh1tz5
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) February 4, 2024
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित तौर पर पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा की धनराशि जारी करने की मांग को लेकर अपने हालिया धरने के दौरान मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था. वहीं भाजपा के युवा नेता इंद्रनील ने मीडिया को बताया कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी जैसे सम्मानित नेता के बारे में बात की है, हम उसकी निंदा करते हैं. यह बंगाल की संस्कृति और हमारी विरासत के भी खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि यह विद्यासागर जैसे दिग्गजों के आदर्शों के भी खिलाफ है, जिन्होंने बंगालियों को समृद्ध भाषा से परिचित कराने के लिए 'बरनापरिचय' की शुरुआत की थी. हम एक प्रतीकात्मक कदम के रूप में (फोटो में) सीएम को शहद खिला रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी हमेशा अपने राजनीतिक विरोधियों के प्रति सम्मानजनक रही हैं. सुवेंदु अधिकारी जैसे भाजपा नेता उन्हें 'चोर' कहते हैं और कांग्रेस जैसे अन्य गैर-भाजपा दलों के राष्ट्रीय नेताओं के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए पहले उन्हें ऐसी अभिव्यक्तियों के लिए माफी मांगनी चाहिए.