जोधपुर पुलिस ने आसाराम बापू के जोधपुर आश्रम के लीगल हेड और तीन अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मध्य प्रदेश की एक 56 वर्षीय महिला की शिकायत के आधार पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया है. आसाराम बापू, जो पहले से ही बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जा चुके हैं, के आश्रम में हुई इस घटना ने एक बार फिर विवादों को जन्म दे दिया है.
अदालत के आदेश पर दर्ज हुई FIR
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश की 56 वर्षीय शिकायतकर्ता महिला ने अपनी अदालत द्वारा निर्देशित एफआईआर में आरोप लगाया कि वह जोधपुर के पाल रोड स्थित आसाराम के आश्रम में अक्सर जाती थी. यह वही आश्रम है जहां 2013 में एक नाबालिग के साथ बापू ने बलात्कार किया था, जिसके लिए स्वयंभू बाबा को 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. शिकायतकर्ता के अनुसार, पिछले साल 21 जुलाई को, वह छह अन्य महिला भक्तों के साथ आसाराम के पूर्व-रिकॉर्ड किए गए धार्मिक उपदेश को सुनने के लिए जोधपुर आश्रम गई थी. सत्र के दौरान, उसने उसके खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों के बारे में पूछताछ की, जिसके बाद कुछ भक्तों ने उसे आश्रम के प्रबंधन और कानूनी प्रमुख, मिरचंदानी से मिलने की सलाह दी.
पुलिस की कार्यशैली पर भी उठे सवाल
पीड़िता ने आरोप लगाया कि घटना के बाद उसी दिन, वह मामला दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. शिकायतकर्ता के अनुसार, बाद में वह पुलिस आयुक्त से मिली और लिखित शिकायत दर्ज कराई. हालांकि, एफआईआर तभी दर्ज की गई जब वह अदालत में गई, जिसने पुलिस को शिकायत का संज्ञान लेने का निर्देश दिया.
आगे की जांच जारी
पूर्व में उद्धृत पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है. एक निचली अदालत ने आसाराम को 2013 में जोधपुर में अपने आश्रम में एक नाबालिग के साथ बलात्कार करने के आरोप में अप्रैल 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 14 जनवरी को, राजस्थान उच्च न्यायालय ने उसे 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी थी.