नई दिल्ली: ताला नगरी के नाम से मशहूर अलीगढ़ के एक बुजुर्ग कारीगर ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए अपने हाथों से 400 किलो यानी 4 क्विंटल का ताला बनाकर तैयार किया है. बता दें कि राम मंदिर के अगले साल श्रद्धालुओं के लिए खुलने की उम्मीद है. राम भक्त सत्य प्रकाश शर्मा ने दुनिया का सबसे बड़ा हस्तनिर्मित ताला तैयार किया है. इस ताले को बनाने में उन्हें कई महीनों का समय लगा.
राम मंदिर को देना चाहते हैं ताला
अलीगढ़ के रहने वाले सत्यप्रकाश शर्मा 400 किलो वजनी इस ताले को इस साल के अंत में राम मंदिर के अधिकारियों को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. इसी बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के अधिकारियों ने कहा कि राम मंदिर को खोले जाने को लेकर राम भक्तों में भारी उत्साह है, भक्त बड़ी संख्या में राम मंदिर के लिए उपहार दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि हम इस ताले का उपयोग कहां कर सकते हैं.
सत्यप्रकाश शर्मा ने कहा कि उनका परिवार 100 साल से भी ज्यादा समय से ताला बनाने के काम में लगा हुआ है और वह खुद पिछले 45 सालों से ताले बना रहे हैं.
नुमाइश में लगेगी ताले की प्रदर्शनी
सत्यप्रकाश ने कहा कि यह ताला 10 फीट ऊंचा, 4.5 फीट चौड़ा और 9.5 इंच मोटा है. उन्होंने बताया कि हर साल की तरह अगले साल लगने वाली अलीगढ़ की नुमाइश में इस ताले की रखा जाएगा. शर्मा ने कहा कि यह ताला मेरे लिए 'प्यार का परिश्रम' है. मेरी पत्नी रुक्मिणी ने भी इसे बानाने में मदद की है.
सत्यप्रकाश की पत्नी ने कहा कि पहले हमने 6 फीट लंबा और 3 फीट चौड़ा ताला बनाया था लेकिन कुछ लोगों ने हमें और बड़ा ताला बनाने का सुझाव दिए, जिसके बाद हम इसे बनाने में जुट गए. उन्होंने कहा कि ताले को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है.
ताला बनाने में आया कितना खर्च
सत्यप्रकाश ने कहा कि उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अपनी सेविंग्स लगा दी और 2 लाख रुपए से इस ताले का निर्माण हुआ है. उन्होंने कहा कि में दशकों से ताला बनाने के व्यवसाय में हूं, इसलिए मैंने राम मंदिर के लिए ताला बनाने के बारे में सोचा.
वहीं राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को कहा कि मंदिर ट्रस्ट अगले साल 21,22, 23 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह करेगा, जिसके लिए पीएम मोदी को न्योता भेजा जाएगा.
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