'हम इस बिल के खिलाफ क्योंकि...', AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने किया महिला आरक्षण बिल का विरोध, जानें क्यों?
Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन आज 27 सालों से पेंडिंग महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया गया. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया है.

Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन आज 27 सालों से पेंडिंग महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया गया.
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया है. असदुद्दीन ओवेसी ने कहा कि इस बिल में ओबीसी और मुसलमान महिलाओं के लिए कोट नहीं रखा गया है इसलिए हम इस बिल के खिलाफ हैं.
ओवैसी ने कहा, ' इससे पहले भी जब ऐसा बिल पेश हुआ था तब हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया था... इस बिल में सबसे बड़ी कमी ये है कि इसमें OBC और मुसलमान महिलाओं के लिए कोटा नहीं रखा गया इसलिए हम इसके खिलाफ हैं.'
#WATCH इससे पहले भी जब ऐसा बिल पेश हुआ था तब हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया था... इस बिल में सबसे बड़ी कमी ये है कि इसमें OBC और मुसलमान महिलाओं के लिए कोटा नहीं रखा गया इसलिए हम इसके खिलाफ हैं: महिला आरक्षण बिल पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, दिल्ली pic.twitter.com/rvWbvUN8hk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 19, 2023
क्या है महिला आरक्षण बिल
बता दें कि यह बिल 1996 से अधर में लटका हुआ है. एचडी देवगौड़ा की सरकार में 12 सितंबर 1996 को इस बिल को संसद में पेश किया गया था लेकिन तब यह बिल पास नहीं हो सका था.
इस बिल में संसद और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी के आरक्षण का प्रस्ताव था. 33 फीसदी आरक्षण के भीतर की अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए उप-आरक्षण का प्रावधना था लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था.
बिल पास होने पर क्या होंगे बदलाव
इस बिल के कानून बनने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी जबकि राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी.
विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है जिसे संसद को बढ़ाने का अधिकार होगा.
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