नई दिल्ली: मणिपुर में लगभग 77 दिनों से हिंसा जारी है जिसको लेकर बुधवार को सोशल मीडिया पर बर्बरता का एक वीडियो वायरल हुआ. मानसून सत्र से एक दिन पहले मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का ये वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर आया उसने देश भर को झकझोर कर रख दिया. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, ममता बनर्जी समेत देश के तमाम बड़े नेताओं ने इस घटना की निंदा की और सरकार को आड़े हाथों लिया.
NDA के सहयोगी दलों की चुप्पी पर पूछे सवाल
अब इस फेहरिस्त में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का नाम भी शामिल हो गया है जिन्होंने मणिपुर में हुई भीषण हिंसा की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार की निंदा की. वायरल हो रहे इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. हालांकि उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगियों की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किये.
उन्होंने पूछा, 'ऐसा बताया जा रहा है कि जब मणिपुर जल रहा था तब एनडीए की बैठक में भाग लेने वाले 38 दलों में से कम से कम 10 दल स्वयं उत्तर पूर्व से थे या उनकी वहां मौजूदगी थी, लेकिन क्या उनमें से किसी ने प्रधानमंत्री से यह पूछने की हिम्मत की कि मणिपुर क्यों जल रहा है?'
हर दूसरे दिन आता है क्रूरता का कोई न कोई वीडियो
राघव चड्ढा ने नॉर्थ-ईस्ट राज्य में लगातार हो रही हिंसा और उससे जुड़े दर्दनाक दृश्यों के सोशल मीडिया पर सामने आने को लेकर गहरी चिंता जाहिर की और कहा कि बीजेपी मणिपुर की स्थिति की गंभीरता को स्वीकारने में असफल रही है. इसको लेकर उन्होंने बीजेपी से आलोचना करते हुए ये भी पूछा कि क्या यही आपका न्यू इंडिया है.
उन्होंने मणिपुर के हालातों पर तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि क्या मणिपुर की मौजूदा स्थिति 21वीं सदी के भारत का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका प्रधानमंत्री अक्सर अपनी अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं के दौरान दावा करते हैं? दुनिया भर की छोटी-छोटी घटनाओं पर भी ट्वीट करने वाले पीएम ने करीब 80 दिनों से मणिपुर में हो रही हिंसा पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
सच्चाई से भागती रही है केंद्र सरकार
राघव चड्ढा ने मणिपुर की स्थिति की गंभीरता को मानने से इंकारने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर हमला किया. सीमावर्ती राज्य के रूप में महत्व के बावजूद मणिपुर की उपेक्षा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार का मतलब दोगुना विनाश, दोगुनी क्रूरता और दोगुना शोषण है.