अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तेज हो गई है. ट्रंप प्रशासन ने अब तक कई ऐसे कदम उठाए हैं, जो अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों के लिए चिंता का कारण बने हैं. इन कदमों के अंतर्गत, 205 भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से अमेरिका में रहने के कारण डिपोर्ट किया गया है. यह कदम ट्रंप प्रशासन की कठोर प्रवास नीति का हिस्सा है, जो अवैध प्रवासियों को देश से बाहर भेजने पर जोर देती है.
अमेरिका ने इन 205 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजने के लिए सी-17 एयरक्राफ्ट का उपयोग किया है. यह फ्लाइट कल अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचने वाली है. इन प्रवासियों को पहले से ही अमेरिका के डिटेंशन सेंटर में रखा गया था. डिपोर्टेशन की प्रक्रिया के तहत इन लोगों को भारत वापस भेजने के लिए अमेरिकी अधिकारियों ने पूरी तैयारी की है.
ट्रंप प्रशासन की सख्त नीति
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. उनके प्रशासन ने अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लाखों प्रवासियों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया है. इसके अलावा, अमेरिका ने यह सुनिश्चित किया है कि केवल वे लोग ही देश में रह सकें, जिन्होंने कानूनी तरीके से वीजा प्राप्त किया है और उनके पास कानूनी दस्तावेज हैं. ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में अवैध प्रवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं, और बहुत से लोग अपनी घर की वापसी करने को मजबूर हो गए हैं.
भारत के लिए क्या मायने रखता है?
भारत के लिए यह डिपोर्टेशन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. भारत में कई लोग इस बारे में चिंतित हैं कि क्या अवैध प्रवासियों की वापसी से भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर कोई असर पड़ेगा. हालांकि, भारतीय सरकार ने हमेशा अपनी स्थिति स्पष्ट की है कि वह अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की वापसी को एक सामान्य प्रक्रिया मानती है. इसके अलावा, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए वह अमेरिका के साथ सहयोग करते रहेंगे.
अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया तेजी से जारी है, और ट्रंप प्रशासन के सख्त कदमों से प्रवासियों के लिए नए खतरों का सामना करना पड़ रहा है. भारत में इन 205 नागरिकों की वापसी से यह सवाल उठता है कि क्या इस तरह की घटनाओं से दोनों देशों के बीच संबंध प्रभावित होंगे या नहीं. आने वाले समय में इस पर और भी बातचीत होने की संभावना है, लेकिन फिलहाल यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अमेरिकी कड़ी नीति के कारण अवैध प्रवासी स्वदेश लौट रहे हैं.