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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 17 नक्सली ढेर, 2026 तक नक्सलियों के खात्मे का लक्ष्य

गुरुवार सुबह करीब 9 बजे दक्षिणी बीजापुर के घने जंगलों में एक बड़ा एनकाउंटर शुरू हुआ. यह ऑपरेशन नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियानों का हिस्सा था. अधिकारियों के अनुसार, गोलीबारी पूरे दिन चलती रही और देर शाम तक इसकी आवाजें सुनाई देती रहीं.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
12 Naxalites killed in army operation in Bijapur in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच गुरुवार को एक बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें 17 नक्सलियों को मार गिराया गया. इस महीने राज्य में हुई विभिन्न मुठभेड़ों में कुल 26 नक्सली मारे जा चुके हैं.

कैसे हुई मुठभेड़?

गुरुवार सुबह करीब 9 बजे दक्षिणी बीजापुर के घने जंगलों में एक बड़ा एनकाउंटर शुरू हुआ. यह ऑपरेशन नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियानों का हिस्सा था. अधिकारियों के अनुसार, गोलीबारी पूरे दिन चलती रही और देर शाम तक इसकी आवाजें सुनाई देती रहीं.

इस अभियान में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के तीन जिलों के जवान, सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के पांच दल, और सीआरपीएफ की 229वीं बटालियन ने हिस्सा लिया. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, 17 नक्सली मारे गए हैं, और इलाके में अब भी तलाशी अभियान जारी है.

सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि
इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को भारी सफलता हाथ लगी है, और सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें किसी भी सुरक्षाकर्मी को नुकसान नहीं हुआ. अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल की अभी पूरी तरह जांच की जा रही है, और मारे गए नक्सलियों की पहचान का काम भी जारी है.

छत्तीसगढ़ में हालिया मुठभेड़ों की जानकारी
1. 12 जनवरी: बीजापुर जिले के नेशनल पार्क इलाके में हुई एक अन्य मुठभेड़ में तीन वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया गया था. यह ऑपरेशन खुफिया सूचना के आधार पर शुरू किया गया था.

2. 9 जनवरी: बीजापुर-सुकमा बॉर्डर के जंगलों में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया. डिप्टी मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इसे सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता बताते हुए उनकी सराहना की.

नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 6 जनवरी को कहा था कि सरकार नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए मार्च 2026 तक प्रतिबद्ध है. उन्होंने इस संघर्ष में जान गंवाने वाले जवानों के बलिदान को व्यर्थ न जाने देने का आश्वासन दिया.

मुठभेड़ का महत्व
यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए बड़ी जीत है, जो यह दिखाती है कि राज्य और केंद्र सरकारें नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में कितनी सक्रिय हैं. इस घटना के बाद नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा बलों के मनोबल में और वृद्धि हुई है.