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World Thyroid Day 2025: सुबह ब्रेकफास्ट छोड़ने से बढ़ता है थाइरॉयड का खतरा? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

5 मई, 2025 को वर्ल्ड थाइरॉयड डे मनाया जाएगा, जो हमारे स्वास्थ्य में थाइरॉयड ग्लैंड की महत्वपूर्ण भूमिका को याद दिलाता है. थाइरॉयड का मुख्य काम मेटाबोलिज्म, ऊर्जा स्तर और हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करना है, लेकिन यह छोटी सी ग्लैंड अक्सर तब तक नजरअंदाज रहती है जब तक कोई समस्या न हो जाए.

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Edited By: Princy Sharma
World Thyroid 2025
Courtesy: Pinterest

World Thyroid 2025: 25 मई, 2025 को वर्ल्ड थाइरॉयड डे मनाया जाएगा, जो हमारे स्वास्थ्य में थाइरॉयड ग्लैंड की महत्वपूर्ण भूमिका को याद दिलाता है. थाइरॉयड का मुख्य काम मेटाबोलिज्म, ऊर्जा स्तर और हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करना है, लेकिन यह छोटी सी ग्लैंड अक्सर तब तक नजरअंदाज रहती है जब तक कोई समस्या न हो जाए. कई कारक थाइरॉयड के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे जेनेटिक्स, तनाव और ऑटोइम्यून विकार, लेकिन एक अहम कारण है- नाश्ता छोड़ना.

आजकल की तेज-तर्रार जीवन में नाश्ता छोड़ना एक आम आदत बन गई है, खासकर कामकाजी पेशेवरों और वजन कम करने की कोशिश करने वालों में. सही आहार समय का ध्यान न रखने से थाइरॉयड का कामकाज प्रभावित हो सकता है. वर्ल्ड थाइरॉयड डे 2025 के मौके पर, यह जानना जरूरी है कि नाश्ता छोड़ने से थाइरॉयड पर क्या असर पड़ सकता है.

थाइरॉयड कैसे काम करता है?

थाइरॉयड ग्लैंड से दो मुख्य हार्मोन, Triiodothyronine (T3) और Thyroxine (T4), शरीर की कई गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, ये हार्मोन शरीर में भोजन को ऊर्जा में बदलने से लेकर हृदय की धड़कन, शरीर के तापमान और गर्भ में बच्चे के विकास तक कई अहम कामों में शामिल होते हैं.

नाश्ता छोड़ने से थाइरॉयड पर असर

भारत में उपवासी (फास्टिंग) परंपरागत रूप से स्वीकृत है. कई परंपराएं कहती हैं कि दिन का आखिरी भोजन रात 7 बजे तक किया जाए. हाल ही में फास्टिंग का चलन बढ़ा है, जिसमें एक निश्चित समय में भोजन किया जाता है और कम से कम 12 घंटे का उपवासी किया जाता है. नाश्ता छोड़ना अक्सर इस प्रकार के आहार का हिस्सा बन जाता है. हालांकि, नाश्ता पूरे दिन के लिए ऊर्जा देने के मामले में सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन स्वस्थ व्यक्तियों में आहार समय का थाइरॉयड पर कोई खास असर नहीं पड़ता है.

लेकिन फास्टिंग तब ज्यादा मुश्किल हो सकती है.जब आप दवाइयां ले रहे हों, खासकर अगर आपको थाइरॉयड विकार है. आहार में बड़े बदलाव करने से पहले हमेशा किसी प्रोफेशनल से संपर्क करें. यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि थाइरॉयड हार्मोन आयोडीन से बने होते हैं, जो ग्लैंड खाद्य पदार्थों से प्राप्त करती है, आमतौर पर आयोडाइज्ड नमक के रूप में. इसलिए यह जरूरी है कि उपवासी के दौरान भी आपको पर्याप्त आयोडीन मिले.

यह समझना जरूरी है कि थाइरॉयड खुद भोजन को पचाता या तोड़ता नहीं है. बल्कि, इसके हार्मोन शरीर के मेटाबोलिक सिस्टम को नियंत्रित करते हैं, जो भोजन को ऊर्जा में बदलता है, जिससे शरीर के सभी कार्य चलते रहते हैं. यह कार्य सामान्य वृद्धि और विकास को भी प्रभावित करता है.

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.