बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक राज कपूर की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' 1970 में रिलीज हुई थी. यह फिल्म आज भी भारतीय सिनेमा की एक ऐतिहासिक और आइकॉनिक फिल्म मानी जाती है. फिल्म ने ना केवल भारतीय सिनेमा की धारा को प्रभावित किया, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया, खासकर रूस में जहां इसने जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की.
इस फिल्म में राज कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी, और इसके अलावा सिमी गरेवाल, मनोज कुमार, और धर्मेंद्र जैसे दिग्गज कलाकार भी नजर आए. फिल्म के संगीत में भी शानदार रचनाएं थीं, जिन्हें शंकर-जयकिशन ने संगीतबद्ध किया था. सबसे खास बात यह थी कि इस फिल्म से ऋषि कपूर ने चाइल्ड एक्टर के तौर पर डेब्यू किया था, जो बाद में बॉलीवुड के सुपरस्टार बन गए.
'मेरा नाम जोकर' की सबसे बड़ी विशेषता इसकी लंबाई और संरचना थी. यह फिल्म तीन घंटे 44 मिनट लंबी थी और इसमें दो इंटरवल थे. इसे तीन भागों में बांटा गया था, जिससे दर्शकों को फिल्म के बीच में दो बार आराम लेने का अवसर मिलता था. फिल्म का लंबा समय और उसकी अलग तरह की कहानी उसे एक असाधारण फिल्म बनाते हैं, जो आमतौर पर उस समय की फिल्मों से कहीं अलग थी.
'मेरा नाम जोकर' की कहानी एक ऐसे जोकर की थी, जो अपनी जिंदगी के संघर्षों और ग़मों को दर्शाता है. यह फिल्म आत्मा की गहराईयों में जाकर जीवन के रंगीन और दुखभरे पहलुओं को बयां करती थी. फिल्म का कथानक जोकर की जिंदगी के विभिन्न पहलुओं को लेकर था, जहां वह अपने जीवन में प्यार और खुशी की तलाश करता है, जबकि उसके आस-पास के लोग उसे सिर्फ हंसी और खुशी का स्रोत मानते हैं.
इस फिल्म को भारत में जहां कल्ट क्लासिक के रूप में देखा जाता है, वहीं रूस में भी इसने बड़ी सफलता हासिल की. फिल्म की गहरी भावनाओं और अर्थपूर्ण संवादों ने उसे एक विशेष स्थान दिलवाया. फिल्म का असर सिनेमा की दुनिया पर आज भी महसूस किया जाता है, और इसके द्वारा दिखाए गए भावनात्मक दृश्यों और शानदार संगीत को लोग आज भी पसंद करते हैं.
राज कपूर की 'मेरा नाम जोकर' न केवल एक फिल्म थी, बल्कि यह एक अनुभव था. इसका संदेश और इसका भावनात्मक प्रभाव आज भी लोगों के दिलों में जीवित है. राज कपूर की इस फिल्म ने सिनेमा की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी, और भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी.